– दो गांवों के भूख हड़ताल पर बैठे
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
शिवपुरी जिले के बैराड़ के पचीपुरा तालाब से निकली नहर की साफ सफाई और मरम्मत न होने से किसान नाराज हैं। अब नाराज किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने तंबू गाड़कर भूख हड़ताल शुरू कर दी है। अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि दो गांव के किसान पिछले 3 दिनों से तहसील कार्यालय के सामने बैठे हैं। नाराज किसान तहसील कार्यालय के सामने तंबू गाड़ कर भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं। बावजूद इसके जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किसानों की अभी तक कोई सुध नहीं है। किसानों के अनुसार अगर खेतों में पानी नहीं पहुंचेगा तो भी वह मर जाएंगे। ऐसे में यहां पर भूख हड़ताल पर बैठ कर मरना ही उचित है, क्योंकि अभी तक गेहूं की बोवनी तक नहीं हुई है।
नहर की मरम्मत न होने से नाराज किसान-
दरअसल पचीपुरा तालाब से निकली नहर से पचीपुरा, बैराड़, बबनपुरा, गौदोंलीपुरा गांवों के खेतों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है, लेकिन पिछले लंबे समय से नहर की साफ सफाई और मरम्मत नहीं होने के कारण नहर के अंतिम छोर से लगे दो गांव बवनपुरा और गोंदोलीपुरा के किसानों को इस वर्ष रवि फसलों की सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। बबनपुरा और गौंदोलीपुरा के किसान लंबे समय से सिंचाई विभाग से नहर को सही करवाने की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें खेतों की सिंचाई के लिए पानी मिल सके लेकिन किसानों की कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो किसानों को भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर होना पड़ गया। शुक्रवार से बैराड़ तहसील के सामने भूख हड़ताल पर बैठे किसानों की अभी तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने कोई सुध नहीं ली है।
2019 में भी भूख हड़ताल पर बैठे थे किसान-
ग्रामीणों के अनुसार इससे पूर्व वर्ष 2019 में भी नहर फूट गई थी, तत्समय भी उन्होंने प्रशासन से नहर को सही करवाने के लिए काफी गुहार लगाई थी उस समय भी उन्हें भूख हड़ताल पर बैठना पड़ा था. इसके बाद सिंचाई विभाग ने नहर को सही करवाया था। अब फिर से किसान एक बार फिर आंदोलन की राह है। किसानों का कहना है कि यदि समय रहते हुए यह नहर सही नहीं करवाई गई तो वह आगे और बड़ा आंदोलन करेंगे। भूख हड़ताल पर बैठे किसानों का कहना है कि वह उस समय तक यहां से नहीं उठने वाले हैं जब तक कि खेत में पानी नहीं पहुंच जाता।