-बाहरी क्षेत्र में भूसा जाने से रेट बढ़े, पशुपालक परेशानी में आए
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
जिले के कई क्षेत्रों में मवेशियों के लिए चारे का संकट बढ़ गया है। कारण यह है कि जिले से बाहर भूसा धड़ल्ले से जा रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने कागजी तौर पर जिले से लगे बाहरी राज्य जैसे राजस्थान और उप्र में भूसा जाने पर रोक लगा रखी है लेकिन यह रोक केवल कागजी है। इस रोक के बाबजूद भूसा दूसरे राज्यों में और आसपास के जिलों में भी जा रहा है। चारे की मांग दूसरे जिलों व बाहरी प्रदेशों में एकाएक बढ़ने से इसके दाम भी बढ़ गए हैं। यही कारण है कि मवेशियों के सामने सबसे बड़ी समस्या चारे की हो गई है। स्थिति यह है कि जिले से खुलेआम ट्रक व ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर प्रतिदिन सैकड़ों वाहन भूसा जिले सहित प्रदेशों में कारोबारियों द्वारा किया जा रहा है। इससे जिले के मवेशी पालकों के लिए भूसा का संकट पैदा हो गया है।
रोक का कढ़ाई से पालन नहीं–
पिछले कुछ सालों से जिला प्रशासन जिले से बाहर जाने वाले चारे पर प्रतिबंध लगा देता था लेकिन इस बार जिला प्रशासन ने केवल जिले से लगे दूसरे राज्य जैसे राजस्थान और उप्र जाने पर रोक लगाई है लेकिन इस आदेश को भी कढ़ाई से पालन नहीं हो रहा। स्थानीय पशुपालकों की मांग है कि जिले से बाहर जाने पर रोक लगे साथ ही इस आदेश का कढ़ाई से पालन हो। गौरतलब है कि जिले में फसल कटने के बाद निकलने वाला भूसा चिमनी, और अन्य फैक्टरियों की भट्टियों के लिए शिवपुरी से बाहर जाता है। स्थानीय पशुपालकों का कहना है कि जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को यह समस्या बता दी गई है लेकिन कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहा है।
रेट बढ़ने से पशु पालक परेशानी में आए-
कई पशुपालकों ने बताया कि बाहरी प्रदेश व अन्य जिलों में एकाएक भूसे की डिमांड बढ़ने से दाम काफी बढ़ गए हैं। पशुपालकों का कहना है कि गर्मी के सीजन में जिले के लाखों दुधारू एवं पालतू पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता का संकट पैदा होने के आसार हैं। क्योंकि जिला प्रशासन द्वारा जिले का भूसा बाहर जाने पर सख्ती नहीं बरती जा रही। केवल कागजी प्रतिबंध होने से जिले के ग्रामीण क्षेत्र से प्रतिदिन दर्जनों ट्रक भूसा पड़ोसी राज्यों में ले जाया जा रहा है। जिससे भूसे के भाव दिनोदिन बढ़ते जा रहें है और चारे की उपलब्धता घटने से हजारों पशुपालक परेशान हैं।