शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
शहर के प्रगति बाजार मे जनसंघ के संस्थापक, डा.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जन्मदिन पर उनकी तस्वीर पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उपस्थित लोगों ने उनके व्यक्तित्व कृतित्व पर प्रकाश डाला।
सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व पार्षद यशवंत जैन,समाज सेवी पूर्व पंच ग्राम पंचायत दिनारा ने संयुक्त रूप से डा.मुखर्जी के राष्ट्र हितकारी कार्य बताते हुए जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते कहा कि कश्मीर मे उन्होंने धारा 370 ,35A,के लिए,दो झंडे, दो विधान, दो प्रधान से मुक्त कराने मे वावन बर्ष की आयु मे सेनापति बनकर देश के लिये बलिदान हो गए।इनके पिता आशुतोष मुखर्जी कोलकता विश्वविद्यालय के उपकुलपति थे।एल एल बी की डिग्री पश्चात तेतीस बर्ष की आयु मे कोलकता विश्वविद्यालय मे उप कुलपति बने।हिंदुओं के साथ भेदभाव देखकर मंत्री पद से स्तीफा देकर,हिंदूमहासभा का नेतृत्व करने लगे।वैदिक सनातनी, के साथ, संसद के शेर कहे जाते,संघ विचारधारा के व्यक्तित्व की पहचान थे।भारतीय जनसंघ की परिकल्पना कर उसके अध्यक्ष पद पर सर्व सम्मति से अध्यक्ष बने।संगठन की विजय गाथा का कोई दूसरा उदाहरण नहीं हैं।और उनके साथ वैधगुरूदत्त, टेकचंद, बलराज मधोक, अटलविहारी वाजपेयी, कश्मीर आंदोलन मे साथ रहे।