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गढ़ को छोड़ना नहीं चाहते ज्योतिरादित्य सिंधिया

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-सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र

-वर्ष 2019 में हारे जरूर लेकिन इस बार मोदी लहर के अलावा पुराने नेटवर्क का मिलेगा फायदा

रंजीत गुप्ता शिवपुरी
लोकसभा चुनाव के लिए मध्य प्रदेश के 24 भाजपा प्रत्याशियों की घोषणा शनिवार को कर दी गई है। इस घोषणा के बीच चर्चित सीट गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से चुनाव लड़े ज्योतिरादित्य सिंधिया उस समय के भाजपा प्रत्याशी केपी सिंह से सवा लाख मतों से चुनाव हार गए थे लेकिन वर्ष 2020 में हुए दल बदल के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया और राज्यसभा सदस्य बने इसके बाद केंद्रीय मंत्री बनाए गए। अब एक बार फिर अपने गढ़ पर किसी दूसरे को हावी नहीं होने देने की रणनीति पर काम करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया वर्ष 2024 में भाजपा से लोकसभा टिकट पाने में कामयाब रहे हैं । वह भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ेंगे।

केपी यादव से ज्योतिरादित्य सिंधिया का तनाव लगातार बरकरार रहा-

वैसे देखा जाए तो वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए कई बार समय उतार-चढ़ाव भरा वाला आया। वर्ष 2020 में मध्य प्रदेश में हुए राजनीतिक दल बदल के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। इस बीच भाजपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा। तब से ही इस तरह के कयासों का दौर जारी था कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा उन्हें पुन: मैदान में उतारेगी कि नहीं। वहीं दूसरी ओर गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से जीते केपी यादव से ज्योतिरादित्य सिंधिया का तनाव लगातार बरकरा रहा। ज्योतिरादित्य सिंधिया की इस क्षेत्र में सक्रियता व हस्तक्षेप को लेकर सांसद केपी यादव ने कई बार अप्रत्यक्ष तौर पर टिप्पणियां की लेकिन जो ज्योतिरादित्य सिंधिया खामोश रहकर अपने समय का इंतजार करते रहे और एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में माने जाने वाली गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से ताल ठोक दी है।

सिंधिया परिवार का गढ़ है गुना शिवपुरी संसदीय क्षेत्र-

देखा जाए तो गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र को सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में जाना जाता है। पूर्व में इस संसदीय क्षेत्र से सिंधिया परिवार की राजमाता विजयाराजे सिंधिया, स्वर्गीय माधवराव सिंधिया यहां से कई मर्तबा सांसद रह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस संसदीय क्षेत्र चार बार सांसद चुने जा चुके हैं। इस तरह से देखा जाए तो इस संसदीय क्षेत्र से लगातार सिंधिया परिवार का कोई ना कोई सदस्य लोकसभा सदस्य रहा है। सिंधिया परिवार के गढ़ के रूप में माने जाने वाली इस सीट पर कोई दूसरा व्यक्ति अपनी पकड़ न बना ले इसलिए सिंधिया परिवार भी इस योजना में रहा है कि उनके परिवार का दबदबा इस सीट पर कम न हो। कुल मिलाकर देखा जाए तो इसी रणनीति के तहत ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी उनके सामने मौजूद दो ऑप्शन ग्वालियर और गुना संसदीय सीटों में से गुना सीट को चुना।

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