-गौसेवा की अनूठी मिसाल पेश कर रहे सांकरा धनेली के युवा
-मृत गौवंश का हिन्दू रीति रिवाज से करते हैं अंतिम संस्कार
-सूचना मिलते ही पहुचते हैं युवा गौ सेवक
सुरेन्द्र जैन धरसीवां
रायपुर से लगे धरसीवां ब्लॉक अंतर्गत आने वाले सांकरा निको एवं धनेली गांव के बजरंग दल से जुड़े युवा गौसेवक मृत गौवंश का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से कर अनूठी मिशाल पेश कर रहे हैं इन युवाओं ने दो दिन से सरपंच के घर के पीछे दो दिन से मृत पड़ी एक गाय का भी मंगलवार को अंतिम संस्कार किया।
सूचना मिलते ही पहुचते हैं युवा गौसेवक
सांकरा निवासी युवा गौसेवक पीतांबर यदु माधव तांडी बजरंग दल से जुड़े हैं उनकी टीम में सांकरा व धनेली के पचास से अधिक युवाओं की टीम है अक्सर यह युवा बजरंगी बेसहारा सडको पर घूमने वाली गौमाता की सेवा में समर्पित हो जाते हैं हाइवे पर या गांव में कहीं भी कोई गौवंश हादसों का शिकार हो जाये तो यह तुंरन्त सूचना मिलते ही मौके पर पहुचते है और घायल गौवंश का उपचार कराते हैं जरूरत पड़ने पर बंजारी धाम गौशाला में भी गौवंश को पहुचाते हैं यदि किसी गौवंश की मृत्यु हुई हो तो उसका हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराते हैं इनमें स्कूल व कॉलेजों में पढ़ने वाले भी शामिल हैं लंबे समय से बजरंगियों की टीम इस पुण्य कार्य को करती आ रही है।
*जनपद सदस्य ने दी जेसीवी*
आजाद चौक मन्दिर के समीप सरपंच श्रीमती वर्षा प्रमोद शर्मा के निवास के पीछे एक गाय दो दिन से मृत पडी थी मंगलवार को इसकी सूचना मिलते ही बजरंग दल से जुड़े युवा गौसेवक मौके पर पहुचे ओर जनपद सदस्य राजेश वर्मा की जेसीबी की मदद से युवा बजरंगियों ने गाय को यथा स्थान ले जाकर उसका अंतिम संस्कार किया।
प्रेरणा लेने की जरूरत
सांकरा व धनेली के इन गौसेवकों से उन सभी लोगो को आज प्रेरणा लेने की जरूरत है जो गाय को माता तो कहते हैं लेकिन गाय की बीमारी में या सड़क हादसों से मृत्यु हो जाने पर उसे हाथ लगाना तो दूर उसकी तरफ देखते तक नहीं हैं हिन्दू जैन धर्म संस्कृति में गाय को माता का दर्जा है और गाय को साक्षात लक्ष्मी भी माना जाता है बाबजूद इसके उसकी मृत्यु होने पर वह जहां तहां पडी रहती हैं और लोग दूसरों के भरोसे रहते हैं जबकि किसी भी इंसान की मृत्यु पर उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया जाता है ओर गाय की मृत्यु पर सांकरा धनेली जैंसे युवा ही अपने सब काम छोड़कर तुंरन्त पहुचकर अंतिम संस्कार करते है आज जरूरत है इन युवाओं से प्रेरणा लेने की।