भोपाल। शहीद भवन सभागार में नाटक देवी 2 का मंचन किया गया नाटक की कहानी शुरू होती है एक गांव के मंदिर से जो ठाकुर का पुश्तैनी मंदिर है । ठाकुर के ही परिवार में एक लड़की है जो इस घर में काम करने वाले नौकर भानु से प्रेम करती है । जब ठाकुर जो उस लड़की देविका का भाई है देविका और भानू के प्रेम के बारे में पता चलता है तो ठाकुर भानु को मारता है और चेतावनी देता है कि अब इस गांव में कभी नहीं
दिखना । कहानी आगे बढ़ती है एक कैदी जेल तोड़ कर मंदिर में भाग कर आता है और इंस्पेक्टर भी पीछे से उसी मंदिर में आ जाता है और कैदी उसको बताता है कि उसको जाने दे क्योंकि उसकी लड़की की शादी हो रही है और वो बारह साल से जेल में बंद था एक बार अपनी पत्नी और बेटी से मिलना चाहता है । बेरहम पुलिस इंस्पेक्टर को उस पर तरस नही आता और मंदिर में ही कैदी को गोली मार देता है । क्योंकि मंदिर गांव के मुख्य मार्ग पर है इसीलिए नाटक के अंत में नवरात्रि के आखिरी दिन भानु मंदिर पर वापस आता है । देविका भी आती है उसी समय ठाकुर भी आता है वह भानु को गोली मारना चाहता है लेकिन बड़ी मां और सारे चरित्र उसको समझाते हैं ठाकुर भानु और देविका के संबंध को स्वीकार कर लेता है । मुख्य भूमिका में आज़म खान, आदम, विशाल चतुर्वेदी, करुणा शाही,सौलत यार खान और फरहान बेग ने की ।
नाटक का लेखन अम्बर अली का था । कार्यकम में मुख्य अतिथि के रूप में मोनू सक्सेना जिलाध्यक्ष कांग्रेस कमेटी शहर, समाज सेवी अमीन रजा, समाज सेवक शिवि शर्मा उपस्थित थे इस अवसर पर रंगकर्मी अभिनेता सुनील सोन्हिया का सम्मान किया गया