उदयपुरा रायसेन।मानस प्रचार प्रसार के मुख्य उद्देश्य के साथ शिक्षा, संस्कार,संस्कृति ,सद्भाव के नैतिक मूल्यों को अक्षुण्ण रखने के लिए श्री रामचरितमानस विद्यापीठ द्वारा नित्य, सत्संग, सेवा ,सिमरन अंतर्गत चल रही मानस यात्रा ,का कार्यक्रम नगर के प्रसिद्ध कालिका मंदिर पर हुआ !आयोजक भरत पोरिया पार्षद, एवं अरविंद धाकड़ शिव शक्ति ,द्वारा नर्मदा तट के वैदिक विद्वानों का हार फूल माला पहनाकर स्वागत किया! आयोजित सत्संग सभा में मानस ग्रंथ की पूजन के साथ सामूहिक हनुमान चालीसा का गायन कर सत्संग सभा आयोजित की गई!
मानस में चल रहे प्रसंग पर व्याख्या करते हुए नर्मदा प्रसाद रामायणी नरसिंहपुर ,द्वारा बताया जो सामने तो बना ,बना कर कोमल, वचन कहता है और पीठ पीछे बुराई करता है ,तथा मन में कुटिलता ,रखता है ,जिसका मन सांप की चाल के समान टेढ़ा है ऐसे कुमित्र को तो त्यागने में ही भलाई है, हनुमान जी महाराज ने अग्नि को साक्षी कर सुग्रीव और श्री राम की मित्रता कराई! किष्किंधा कांड के प्रसंग को व्याकरण आचार्य कोमल प्रसाद शास्त्री ,राम नरेश शास्त्री ,देवव्रत राजोरिया ,राम नारायण दीक्षित, योगेश जी शास्त्री ,कैलाश दुबे, अमरनाथ बिरथरिया आदि ने अपनी अपनी शैली में रोचक व्याख्यान प्रस्तुत की राष्ट्रीय कवि गोविंद गोदानी द्वारा “मां के दर्शन मिलेंगे ,आज बारी आ गई” भजन प्रस्तुत कर श्रोताओं को भावविभोर किया !कार्यक्रम संचालक चतुर नारायण अधिवक्ता ने बताया कि सिद्ध कालिका मंदिर दरबार में सत्संग में दर्शन एवं श्रवण ,कीर्तन से हम सब धन्य हुए हैं ,सत्संग सभा में नगर के प्रमुख समाजसेवी डॉ विजय मालानी ,महेश दुबे, बाला प्रसाद वर्मा ,अशोक तिवारी, सरजन कोरव ,चन्द्रशेखर अधिवक्ता, कमलेश चौहान, बबलूपोरिया ,पवन पोरिया ,राम सिह रघुवंशी ,मुकेश गोदानी, प्रभु खत्री ,देवेन्द्र श्रीवास्तव, हरिसेबकसोनी ,शैलेन्द्र कुचवाङा, अतुल राय,अरूण उदेनिया, जितेंद्र मेहरा, आदि रामानुरागी जनो ने मंगल आरती मे भाग लिया