देवेंद्र तिवारी साँची रायसेन
सांची तरह आवारा पशुओं का अड्डा बन चुका है सडको पर जमावड़ा आसानी से दिख जाता है इसके साथ ही दुकान दारो की दुकानों पर मुंह मारना तथा आपसी लडाई झगड़े से लोगों को नुकसान पहुचाना आम हो चुका है परन्तु इनको नियंत्रण करने कहीं कोई योजना नहीं दिखाई देती
जानकारी के अनुसार लंबे अरसे से इस नगर में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है यह आवारा पशुओं ने नगर की सडको राष्ट्रीय राजमार्ग पर जमघट लगा रहता है इसके साथ ही अनेक पशु दुर्घटना में असमय काल के गाल मैं समा जाते है ।यह सभी पशु लावारिस नही रहते इनमें पालतू पशुओं को भी पशु मालिक भगवान भरोसे छोड़ देते है ।जबतक लोगों के कच्चे मकान हुआ करते थे तबतक पशु मालिक अपने पशुओं को घर में बांधकर रखते थे अब जब से पक्के मकान शुरू हुए तबसे ही मालिकों ने अपने पशुओं को भगवान भरोसे लावारिस बेमौत मरने को छोड़ दिया है इन आवारा पशुओं से दुकान दार तब परेशान हो उठते हैं जब यह पशु दुकानों पर खाद्य पदार्थों पर मुंह मारते दिखाई देते है तथा सडको पर बैठकर वाहन चालकों का सरदर्द बन जाते है यही हाल हाटबाजार का रहता है साप्ताहिक हाटबाजार मे यह पशु भीडभाड मे घुस जाते है इनमे कुछ खतरनाक सांड भी रहते है जो लोगों को चोट पहुचा देते हैं हद तो तब होती हैं जब सांड अपने वर्चस्व की लडाई लडते दिखाई देते है तब दुकानो के नुकसान वाहनों के गिरने पडने का नजारा देखने को मिल जाता है जिससे लोगों का खासा नुकसान पहुंच जाता है हालांकि सरकार ने इन आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिए लाखों रुपए लागत की गौशालाएं निर्मित करा दी परन्तु यह गौशालाएं भी इन लावारिस पशुओं को सुरक्षित नहीं रख पा रही हैं न ही जिम्मदारो द्वारा ही इन पशुओं की सुध लेकर इन्हें सुरक्षित गौशालाओं मे पहुचाने की व्यवस्था ही जुटाई जा पाती हैं इन आवारा पशुओं पर लगाम कसने कडे निर्देश देने की जरुरत मेहसूस की जा रही हैं जिससे इन पशुओं की जान भी बच सके तथा लोगों को भी राहत मिल सके ।