-“अलग रह रहे पति-पत्नी का हुआ मिलन, चेहरों पर छायी खुशी”
-‘पक्षकारों को ठंडी-ठंडी छांछ का निःशुल्क वितरण एवं वॉटर कूलर का हुआ लोकार्पण’
हेमेंद्रनाथ तिवारी
उज्जैन।”लोक अदालत विवाद के पक्षकारों को समझौते के आधार पर सहज एवं सुलभ न्याय दिलाने का सरल एवं निःशुल्क माध्यम है। लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण से पक्षकारों समय एवं धन की बचत होती है तथा आपसी भाईचारा एवं सदभाव भी बना रहता है।” उक्त उदगार नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ के दौरान जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला न्यायाधीश आर के वाणी ने व्यक्त किए।
जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष प्रताप मेहता अध्यक्ष मंडल अभिभाषक संघ रवीद्र त्रिवेदी, विशेष न्यायाधीश (एट्रोसिटी) एवं संयोजक नेशनल लोक अदालत अश्वाक अहमद खान, सचिव जिविसेप्रा अरविंद कुमार जैन एवं अन्य अतिथिगण के द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ कर समस्त पीठासीन अधिकारियों को नेशनल लोक अदालत में रखे गए प्रकरणों का अधिक से अधिक संख्या में निराकरण करने संबंधी निर्देश दियें। तत्पश्चात् भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से जिला न्यायालय परिसर में ठंडा एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु स्थापित किये गये वाटर कूलर मशीन का मान प्रधान जिला न्यायाधीश एवं आंचलिक प्रबंधक तारकजी के करकमलों से लोकार्पण किया गया।
नेशनल लोक अदालत में सैकड़ों की संख्या में पक्षकारगण आम नागरिक लाभांवित हुयें। विशेषकर पारिवारिक प्रकृति के साथ ही क्लेम विद्युत चोरी, चेक बाउंस, आपराधिक एवं दीवानी प्रकरणों का काफी संख्या में निराकरण हुआ। पारिवारिक प्रकरणों में अनेक बिछड़े हुये परिवारों को मिलाया। मोटर दुर्घटना क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को लाखों रुपए की क्षतिपूर्ति राशि के अवार्ड पारित हुये।
प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय विवेक कुमार गुप्ता के न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से –
1. उज्जैन निवासी एक दंपत्ति का विवाह फरवरी 2017 को दाहोद, गुजरात निवासी के साथ हुआ। दोनों 1 की एक 3 वर्षीय पुत्री माँ के साथ निवासरत थी। दोनों पक्षों के मध्य आपसी मनमुटाव के कारण काफी समय से विवाद चल रहा था, किंतु बच्ची के भविष्य को देखते हुए न्यायालय द्वारा दी गयी समझाईश के आधार पर दोनों ने साथ में रहना स्वीकार किया।
2. एक अन्य प्रकरण में पक्षकारगणों ने नाम नहीं छापने के अनुरोध पर यह जानकारी दी कि तिरुपति मक्सी रोड निवासी गणों का विवाह लगभग 40 वर्ष पूर्व हुआ था। पति ने पत्नी तथा बच्चे के विरुद्ध भरण-पोषण का प्रकरण न्यायालय में लगाया। न्यायालय में दी गयी समझाईश के आधार पर उन्होंने साथ में रहना स्वीकार किया।
परिवार न्यायालय की उप प्रधान न्यायाधीश श्रीमती उषा गेडाम के न्यायालय में मिलकीपुरा निवासी का निकाह माणकभाग इंदौर के निवासी के साथ 2019 को हुआ। दंपत्ति विवाह के कुछ समय पश्चात से दोनों अलग हो गए। आवेदिका ने 2021 को पति के विरुद्ध भरण पोषण का केस लगाया था न्यायाधीश ने उक्त दंपति को आपसी समझाईश दी जाकर उनके सफल वैवाहिक जीवन की कामनाओं के साथ उन्हें खुशी-खुशी घर विदा किया।
इस लोक अदालत में माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री वाणी की खडपीठ में 26 प्रकरण एवं विद्युत अधिनियम संबंधी विशेष न्यायाधीश (शहरी क्षेत्र) जितेंद्र सिंह कुशवाह द्वारा 218 एवं विद्युत अधि विशेष न्यायाधीश (ग्रामीण क्षेत्र) आदेश कुमार जैन द्वारा 246 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें काफी प्रकरण 05 साल की लंबी अवधि से न्यायालय में लंबित थे।
जन उपयोगी सेवाओं की लोक अदालत में जिला न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरविंद जैन के द्वारा फसल बीमा के 23 प्रकरणों का निराकरण करते हुए किसान भाइयों को उनकी फसल बीमा की राशि रु 971916 /- की क्षतिपूर्ति राशि का अवार्ड पारित किये।
लोक अदालत की विशेष झलकियाँ
1. शुभारंभ अवसर पर मान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के वाणी द्वारा जिला न्यायालय भवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर अधिवक्ताओं न्यायालयीन कर्मचारियों पक्षकारों एवं जनसामान्य के लिए भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से स्थापित वाटर कूलर विद फिल्टर का शुभारंभ किया गया।
2. वनविभाग के सहयोग से अपने प्रकरणों में समझौता करने वाले पक्षकारों को न्याय वृक्ष एवं भीषण गर्मी को देखते हुए साची दुग्ध संघ के सहयोग से नेशनल लोक अदालत में ठंडी-ठंडी छाछ के पाउच निःशुल्क वितरित किये गये।
3. नेशनल लोक अदालत में प्राधिकरण द्वारा हेल्प डेस्क एवं विभिन्न विभागों द्वारा योजनओं की प्रदर्शनी लगायी गयी, जिसमें नालसा सालसा स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, नशामुक्ति तथा शासन की समस्त जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी एव पंपलैट वितरित किये गये।
इस अवसर पर लोक अदालत के संयोजक एवं विशेष न्यायाधीश अश्वाक एहमद खान एवं परिवार न्यायालय के न्यायाधीश बी के गुप्ता, जिला न्यायाधीशगण संतोष प्रसाद शुक्ला, जितेन्द्र कुशवाह, शशिकांत वर्मा, संजय राज ठाकुर, सुनील कुमार शोक आदेश कुमार जैन श्रीमती किर्ती कश्यप, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजेंद्र सिंह सिगर व न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी वीरेन्द्र जोशी,अतुल यादव, राजेश जैन, विनायक गुप्ता, सुश्री शिवांगी श्रीवास्तव वीरेन्द्र वर्मा सहित समस्त न्यायिक अधिकारीगण, राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष प्रताप मेहता एवं मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष रवींद्र त्रिवेदी, पूर्व अध्यक्ष योगेश व्यास, हरदयाल सिंह ठाकुर संदीप मेहता, श्रीमती किरण जुनेजा सहित अन्य अधिवक्तागण तथा प्राधिकरण के सचिव अरविंद कुमार जैन जिला विधिक सहायता अधिकारी चंद्रेश मण्डलोई अभियोजन अधिकारीगण, विभिन्न बैंका फाईनेंस कंपनियों एवं विद्युत विभाग के अधिकारीगण समस्त न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालीगल वॉलंटियर कमल परमार, आकाश परमार एवं काफी संख्या में पक्षकारगण उपस्थित रहे।
लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 7237 रखे गए प्रकरणों में से 3579 प्रकरण तथा न्यायालय में लंबित 7364 रखे गए प्रकरणों में से 1130 प्रकरण निराकृत हुये। लोक अदालत में कुल 4709 प्रकरणों का निराकरण हुआ और कुल 85816537 करोड़ की राशि के अवॉर्ड पारित हुये, जिसमें मोटर दुर्घटना के 65 क्लेम प्रकरणों में पीड़ित व्यक्तियों को रु14633000/- के अवार्ड पारित हुए।