-पं.अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने सुनाई भगवान के अवतार की कथा
विदिशा से अदनान खान की रिपोर्ट।
ग्राम अटारीखेजड़ा में चल रही सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन क्षेत्रवासियों की बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी। इस अवसर पर कथावाचक पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने भगवान श्रीकृष्ण के धरती पर अवतार की कथा सुनाई, श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जब कंस के अत्याचार ने सीमा लांघी तो भगवान को इस धरा पर आना पड़ा। द्वापर युग में मथुरा के उग्रसेन राजा के बेटे कंस ने उन्हें सिंहासन से उतारकर कारगार में बंद कर दिया था। और खुद को मथुरा का राजा घोषित कर दिया था। कंस की बहन देवकी का विवाह वासुदेव के साथ तय कर दिया गया। और बड़ी धूम-धाम के साथ वासुदेव के साथ उनका विवाह कर दिया गया। लेकिन जब कंस देवकी को हंसी-खुसी रथ से विदा कर रहा था। उस समय आकाशवाणी हुई की, देवकी का आठवां पुत्र ही कंस का वध करेगा। आकाशवाणी सुनकर कंस के मन में भय पैदा हो गया।
और वह देवकी को मारने के लिए दौड़ा, महाराज श्री ने कहा कि देवकी को बचाने के लिए वासुदेवजी आए और उन्होंने कंस को वचन दिया कि वह अपने हर एक पुत्र को कंस को सौंप देंगे। और वह शुभ समय भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की घनघोर अंधेरी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के कारागार में भगवान प्रकट हुए।
इस प्रसंग की कथा के साथ ही पूरा पंडाल में नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। पंडाल को फूलों और गुब्बारों से सजाया गया था। औऱ इस मौके पर अधिकतर महिला श्रद्धालु पीले वस्त्रों में कथा पंडाल पर मौजूद थीं। कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर भगवान के बाल रूप की सुंदर झांकी सजाई गई। श्रीकृष्ण के बाल रूप को देखने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ सी देखी गई। इस अवसर पर भजन कलाकारों द्वारा दी गई प्रस्तुति पर श्रद्धालु भी जमकर झूमे। पंडित आकाश दुबे ने बताया कि कथा के पांचवे दिन भगवान की बाल लीलाओं के प्रसंग पर कथा होगी, साथ ही भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। कथा ग्राम अटारी खेजडा में प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक हो रही है। जिसमें बड़ी संख्या में आसपास के क्षेत्रवासी शामिल हो रहे हैं।