खरगोन। खरगोन जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर सेजला में शुक्रवार रात खेत की रखवाली करने वाले परिवारों पर एक के बाद एक अज्ञात जानवर ने हमला कर दिया। इसमें तीन लोग घायल हो गए। एक बालिका गंभीर है। जानवर श्वान के दो बच्चों को भी खा गया। घटना के बाद वन विभाग की टीम ने पहुंचकर जानकारी जुटाई है।
वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विक्रम यादव के खेत मे रखवाली करने वाले धनसिंग आदिवासी की टापरी पर हमला हुआ है। यहां जा धनसिंग घर के आंगन में सो रहा था। जबकि उसके बच्चे टापरी में सो रहे थे। वही पास में ही बनी टापरी में उसके पिता रायसिंग होरिया सो रहा था। रात में पहले धनसिंग की टापरी में जानवर ने घर के अंदर सो रही पांच लड़कियों में से 18 वर्षीय ज्योति पर हमला कर उसके बाल पकड़े। ज्योति की चिल्लाने की आवाज आई तो पड़ोसे में सो रहे उसके दादा रायसिंग उठे और दरवाजा खोला तो आंगन में रात के अंधेरे में लकड़बग्घे जैसा जानवर दिखाई दिया। उसने भी रायसिंग पर हमला किया।
रायसिंग ने तत्परता दिखाते हुए उसका मुंह पकड़ लिया। थोड़ी देर तो जानवर फड़फड़ाते रहा, फिर उसने रायसिंग के हाथ पर हमला कर बुरी तरह नोच दिया। स्वजन एकत्रित होते इतनी देर में जानवर भाग निकला। उसके बाद यह जानवर कृष्णलाल यादव के खेत मे पहुंचा। यहां अपनी दो पत्नियों व छः बच्चों के साथ सो रहे मुन्ना की 12 वर्षीय बालिका अंजली के मुंह पर वार कर बुरी तरह घायल कर दिया।
मुन्ना ने जैसे तैसे जानवर के चुंगल से लहूलुहान अपनी बालिका को अलग कराया। वही खेत मालिक कृष्णलाल को जैसे ही इस घटना की सूचना मिली तो वह फ़ौरन खेत मे पहुंचा और मुन्ना से मामले में जानकारी ली। कृष्णलाल ने बताया कि इस जानवर ने यहां खूंटे से बंधे गाय के बछड़े व भैंस के पाड़ों को नहीं खाया, इंसान को ही क्यों नोचा। यह भी सोचने वाली बात है। उधर, इस घटना से मुन्ना का परिवार भयभीत नजर आया। वही कृष्णलाल घायल अंजली व रायसिंग को तत्काल जिला अस्पताल ले गया।
श्वान के बच्चों को खा गया लकड़बग्घा, युवक को भी किया घायल
दो जगह हमले के बाद जानवर सेजला गांव में बाबूलाल यादव के घर पहुंचा। यहां आंगन के बाहर श्वान के छः बच्चो में से जानवर दो बच्चों को खा गया। पूरा आंगन खून से लथपथ था। शोर की आवाज हुई तो घर में सो रहे बाबूलाल की नींद खुली। वह लकड़ी लेकर बाहर निकला तो जानवर दोनों बच्चों को खा रहा था। लकड़ी मारने पर जानवर भाग निकला। वही भागते हुए अज्ञात जानवर ने गांव से बाहर निकलते ही रास्ते में 40 वर्षीय मास्टर पुत्र लालसिंग को भी बुरी तरह लहुलुहान कर दिया। जिसे गांव के ही संजय यादव द्वारा मास्टर को गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल ले गया। जहां तीनों गंभीर लोगों का इलाज चल रहा है।
जब वन विभाग को इस सबंध में सूचना मिली तो अहिरखेड़ा रेंज के डिप्टी रेंजर प्यारसिंग मोरे भी मय बल के सेजला गांव पहुंचकर उक्त घटना की जानकारी ली। वही ग्रामीणों ने डिप्टी रेंजर को बताया कि उक्त जानवर के आगे से पैर बड़े व पीछे के छोटे पैर थे। ऐसा घायलों द्वारा बताया गया है। उधर, गांव के दिनेश यादव ने बताया कि उस जानवर को मैंने भी देखा है। वह चितकबरा दिखाई दे रहा था। जिसकी शक्ल लकड़बग्घे से ही मिलती जुलती थी।
रेंजर को भी यही यकीन हो रहा है कि यह वही जानवर हो सकता है फिलहाल मोरे ने इसकी पुष्टि नहीं की है। यह तो घायल हुए लोगों से ही मालूम पड़ेगा कि वह जानवर दिखने में कैसा था। रेंजर मोरे ने अपने साथ आए वनपरिक्षेत्र के दिनेश इंगला ने मौका पंचनामा बनाया है। फिलहाल गांव में दहशत है। घायल हुए परिवार भी भयभीत हैं। खेत मालिक कृष्णलाल यादव, वीरेंद्र यादव, संजय यादव का कहना है कि हम हमारे मजदूरों की भरसक मदद करेंगे। वही घायलों के लिए इन्होंने प्रशासन से भी सहयोग मांगा है।
मौका मुआयना किया है
सेजला में खतरनाक जानवर आने की जानकारी किसानों ने दी है। मौका मुआयना कर घायल लोगों से संपर्क किया जा रहा है जो भी शासन स्तर पर मदद होगी वह करेंगे। फिलहाल लकड़बग्घा होने की पुष्टि नहीं हो पाई है। इस सम्बंध में जांच की जाएगी।
प्यारसिंह मोरे, डिप्टी रेंजर