आंगनबाड़ी के बच्चों से किया संवाद
रायसेन । जिले के थाना सुल्तानपुर अंतर्गत ग्राम घाट खमरिया नेमावर में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में छोटे-छोटे बच्चों के बीच बड़ा खुशी का माहौल था और इस खुशी का कारण था रायसेन जिले के बहुमुखी प्रतिभा के धनी हंसमुख मिलनसार तथा हमेशा मददगार रहने वाले अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीना का आंगनवाड़ी केंद्र तथा स्कूल में अपने पुलिस स्टाफ के साथ बच्चों के बीच पहुंच कर उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई तथा जरूरत का सामान वितरित करना ।
विदित हो कि जिले के सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जिला प्रशासन द्वारा जिले के आंगनवाड़ी केंद्र आवंटित किए गए हैं ताकि प्रशासनिक अधिकारियों के निरीक्षण तथा निगरानी में आंगनवाड़ी में आने वाले ग्रामीण बाहुल्य के बच्चों का उचित पोषण शिक्षा तथा नैतिक विकास अच्छी सुविधाओं के साथ हो सके इसी मंशा के चलते जिला प्रशासन द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को आंगनवाड़ी केंद्र आवंटित किए जा कर उनकी उचित देखरेख का प्रबंधन कार्य सौंपा गया है।
इसी क्रम में रायसेन जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री अमृत मीणा को थाना सुल्तानपुर अंतर्गत ग्राम घाट खमरिया नेमावर आंगनवाड़ी केंद्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
श्री मीणा द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए पूर्व में आंगनवाड़ी केंद्र का भ्रमण किया गया था तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका से तथा बच्चों से आपसी संवाद कर उनकी समस्याएं तथा आवश्यकताएं पूछी गई थी जिन्होंने आंगनवाड़ी केंद्र में छोटे-छोटे बच्चों के लिए बैठने के लिए कुर्सी टेबल पेन पेंसिल चौक बोर्ड इत्यादि सामग्री की कमी होना बताया था जो कि आज दिनांक को श्री मीणा अपने स्टाफ के साथ आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे और नन्हे-मुन्ने बच्चों से सीधा संवाद कर आंगनवाड़ी केंद्र में अध्ययनरत छोटे छोटे बालक बालिकाओं के लिए अच्छी पढ़ाई लिखाई से संबंधित सामग्री स्कूल बैग, पेन पेंसिल, बैठने के लिए प्लास्टिक की छोटी-छोटी कुर्सियां, टेबल , पढ़ाई के लिए बोर्ड चाक इत्यादि सामग्री आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से समस्त बच्चों को सौंपी गई जिससे कि छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाई लिखाई से संबंधित कोई कमी ना रहे।
इसी के साथ बच्चों के लिए फल चॉकलेट तथा बिस्किट वितरित किए गए तथा उनसे सवाल पूछे जाकर उचित पुरस्कार देकर बच्चों की हौसला आफजाई की गई इस अवसर पर बच्चों में बहुत ही खुशी का माहौल था श्री अमृत मीणा भी बच्चों से बच्चों के ही अंदाज में पहेलियां सुन रहे थे उन्होंने बताया कि यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम छोटे-छोटे बच्चों का शैक्षणिक विकास उनका स्तर इत्यादि सुधारने के लिए हर संभव मदद तथा प्रयास करें , तथा बच्चों के माता-पिता पलकों को जागरूक करें तथा ग्राम वासियों से भी नन्हे-मुन्ने बच्चों के उज्जवल भविष्य को संवारने के लिए हर संभव मदद करने को कहा गया है तथा केंद्र में कार्यरत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा सहायिका से बच्चों की उचित देखरेख , तथा उनका मनोबल तथा पढ़ाई-लिखाई का उचित प्रबंध नैतिक शिक्षा इत्यादि हेतु कहा जाकर भविष्य में किसी भी प्रकार की यदि बच्चों को कमी होती है तो उसे पूरी करने की हर संभव मदद करने के लिए आश्वासन दिया । यदि प्रत्येक अधिकारी इस प्रकार बच्चों के भविष्य के प्रति समर्पित रहेगा तो निश्चित ही बच्चों का भविष्य उज्जवल होगा।