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सुविधाएं देने का लालच देकर बेचे जा रहे खेतों में प्लाट,अवैध कॉलोनियां का खेल, नियम कानून सब फैल

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-अवैध कॉलोनी में प्लॉट लेने पर मकान बनाने के लिए लोन स्वीकृत नहीं होगा

संजय बेचैन ,शिवपुरी

यदि आप शिवपुरी में प्लॉट या मकान ले रहे हैं तो अतिरिक्त सतर्कता बरतें। जालसाज लुभावने वादे कर आपको खेती की जमीन पर बनी अवैध कॉलोनियों में प्लॉट बेच सकते हैं। ऐसे प्लॉट न तो आप किसी और को बेच सकेंगे, न इस पर निर्माण कर सकेंगे। बीते कुछ दिनों से सिंहनिवास ,नोहरी रोड, बालाजी धाम के पास , ककरवाया के आसपास खेती की जमीन पर प्लॉट बेचने के मामले सामने आए हैं।
जानकारी अनुसार प्रशासन द्वारा गांवों में खेती की जमीन पर विकसित हो रही कॉलोनियों का सर्वे कराया जा रहा है। जिन स्थानों पर गैरकानूनी ढंग से कॉलोनी बनने की सूचना मिल रही है, उन मकान मालिकों को नोटिस जारी किए जा सकते हैं। लोगों को बहुत सचेत रहने की जरूरत है। प्लॉट या मकान लेने से पहले उसकी पड़ताल कर लें। लोग ये न समझें कि रजिस्ट्री करा लेने से वे उस प्लॉट के मालिक बन जाएंगे। सरपंचों को भी चाहिये कि वे कॉलोनी बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी न करें।

अवैध कॉलोनी में प्लॉट लेने पर मकान बनाने के लिए लोन स्वीकृत नहीं होगा

बैंक सिर्फ वैध कॉलोनियों में ही मकान बनाने के लिए लोन देते हैं। इस प्लॉट पर बिल्डिंग बनाने के लिए अनुमति भी जारी नहीं होगी। इसके अलावा आप इस प्लॉट को बेच भी नहीं सकेंगे, क्योंकि नामांतरण पर रोक लग सकती है जिसके चलते राजस्व रिकॉर्ड में ये प्लॉट आपके नाम दर्ज नहीं हो सकेगा।
पिछले एक साल से जिला मुख्यालय सहित के आसपास जगह-जगह पर अवैध कॉलोनी की बाढ़ आई हुई है। एक साल के अंदर अवैध कॉलोनियों की संख्या दोगुनी हो गई है, लेकिन कई कॉलोनाइजरों ने कॉलोनी काटने के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत महसूस नहीं की। वहीं स्थानीय प्रशासन इस मामले में जानकर भी अंजान बना हुआ है। क्षेत्र में हाइवे के दोनों ओर अवैध कॉलोनियों को काटने का काम धड़ल्ले से किया जा रहा है।
कुछ प्रशासनिक अफसरों की मूक सहमति से शिवपुरी के सिंहनिवास ,रातौर ,नोहरी ककरवाया क्षेत्र में काटी जा रही अवैध कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों के द्वारा किसी भी प्रकार की मूलभूत सुविधा नहीं दी जा रही है। इन कॉलोनियों में न तो रोड, बारिश के पानी के निकासी के लिए नाली का प्रबंध किया गया और न ही लाइट, पीने के पानी सहित अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। प्रशासन ने सालों पहले कॉलोनाइजरों की जांच के लिए नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन इस पर आज न तो जांच की गई और न ही कोई कार्रवाई की गई। जबकि शिवपुरी के चारों ओर अवैध रूप से कॉलोनाइजरों द्वारा काटी जा रही हैं।

एसडीएम ने शुरू की थी मुहिम, पर नहीं हुई कार्रवाई

तहसील मुख्यालय पर अवैध कॉलोनियों में होने वाली समस्याओं को देखते हुए एसडीएम ने अवैध प्लॉट काटने वाले कॉलोनाइजरों के खिलाफ मुहिम की शुरूआत की थी। इस दौरान तहसीलदार को आदेशित किया था कि अवैध रूप से कॉलोनी काटने वालों पर एफआईआर कर सभी प्लाटों के अंतरण निरस्त किए जाए, लेकिन इन पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। अभी प्रशासनिक अधिकारी अवैध कॉलोनाइजरों को सिर्फ नोटिस ही देते हैं, नोटिस देने के बाद कोई कार्रवाई नहीं करते है।


संपत्ति खरीदना चाहते हैं तो प्रोजेक्ट का रेरा पंजीयन जरूर खंगालें

दीपावली के बीच के शुभ मुहूर्त में लोग सबसे ज्यादा संपत्ति खरीदने में निवेश करते हैं। घर बनाना हर किसी सपना होता है, लेकिन कई बार इस सपने में बिल्डर या दलाल लोगों को झूठे आश्वासन देकर सौदा कर लेते हैं। बाद में लोग फ्लैट, प्लॉट और बने बनाए रो-हाउस पाने के लिए बिल्डरों के चक्कर काटते रहते हैं। अगर आप भी अपने संपत्ति खरीदने जा रहे हैं तो बेहतर है इसे सुरक्षित तरीके से खरीदें।
रेरा में पीएचडी कर रहे हाई कोर्ट अधिवक्ता आशिफ खान का कहना है कि 2016 के बाद से सभी तरह की कॉलोनियों के लिए रेरा का पंजीयन आवश्यक हो गया है। साथ ही संपत्ति का सौदा कराने वाले दलालों का पंजीयन भी अनिवार्य हो गया है। अगर आप किसी का सौदा करने वाले हैं तो सबसे पहले उक्त कॉलोनी की रेरा पंजीयन नंबर ले लें। रेरा की की वेबसाइट पर इस पंजीयन नंबर के मार्फत कॉलोनी और बिल्डर की पूरी कुंडली खंगाल लें। रेरा की वेबसाइट पर इस पंजीयन नंबर पर टीएंडसीपी की अनुमति, विकास अनुमति, बिल्डर कब-कब कॉलोनी के कौन-कौन से काम करेगा, कितने समय में कॉलोनी के विकास कार्य पूरे होंगे, बिल्डर अपने ग्राहकों से कब-कब कैसे-कैसे पैसे लेगा, कॉलोनी में सुविधाएं क्या होंगी। अगर बिल्डर ने आपसे किसी प्रकार से वादे किए हैं तो यहां आप उसकी सच्चाई जान सकते हैं। संपत्ति खरीदने से पहले एक और बात सबसे ज्यादा जरूरी है। वह यह कि जब आप बिल्डर से सौदा तय करें तो भुगतान का पूरा विवरण, कॉलोनी का विकास, पजेशन की तारीख, संपत्ति खरीदने में कीमत के अलावा सभी तरह के शुल्क का स्पष्ट विवरण लिखवा लें। जो कागजों में लिखा जाए, बिल्डर को सिर्फ वही पैसा दें, क्योंकि इससे इतर वह एक रुपए भी लेने का हकदार नहीं होता है। अगर आप बिल्डर को संपत्ति की कुल कीमत का 10 फीसदी या उससे ज्यादा एडवांस के तौर पर दे रहे हैं तो इसका रजिस्टर्ड अनुबंध जरूर करवाएं। इसी तरह अगर आप यह संपत्ति किसी दलाल के मार्फत खरीद रहे हैं तो उसकी पंजीयन भी नंबर भी अवश्य लें और इसे रेरा की वेबसाइट पर जांच लें। यह सब इसलिए जरूरी है ताकि आपके साथ संपत्ति बेचने के नाम पर कोई धोखाधड़ी नहीं हो।

 

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