32 वाँ स्व श्री ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति प्रतिभा सम्मान समारोह संपन्न
दमोह से धीरज जॉनसन की रिपोर्ट
दमोह: एक हाथ से व्यापार करो और एक हाथ से भगवान के चरणों को पकड़े रहो,यदि आपके हृदय की संवेदना जीवित है तभी आप जीवित है,दूसरे का कष्ट यदि आप महसूस करते हो और उसके निवारण के लिये भी प्रयास करते हो तो आप मानव कहलाने के अधिकारी हो, उक्त उदगार आर्थोपेडिक सर्जन एवं आध्यात्मिक चिंतक डॉ अखिलेश गुमास्ता ने 32 वें स्व श्री ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव स्मृति प्रतिभा सम्मान समारोह के दौरान स्थानीय पी जी कॉलेज के सभागार में जिले की उदीयमान प्रतिभाओं को प्रोत्साहन पुरुस्कार कार्यक्रम के दौरान कही।
डॉ गुमास्ता के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न इस सम्मान समारोह में डॉ एन आर राठौर द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन में दमोह के योगदान पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में महात्मा गांधी,लाल बहादुर शास्त्री एवं ज्ञान साहब के चित्रों के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया।इसके पश्चात पूर्वा वैद्य द्वारा प्रज्ञा गीत का गायन किया गया, डॉ केदार शिवहरे ने बेहतरीन शब्दावली के साथ स्व ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव का परिचय प्रस्तुत किया।
वर्ष 2022 की परीक्षा में सभी संकायों में 12 वी कक्षा में सर्वोच्च अंक पाने वाली कु आयुषी शुक्ला, स्नातक स्तर पर कु मृदुल चौरसिया, स्नातकोत्तर स्तर पर अंशुल जैन, विधि स्नातक में कु प्रभा केशरवानी को रजत पदक एवं आकर्षक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
वर्ष 2021 की परीक्षाओं के पुरस्कार के लिये मात्र स्नातकोत्तर स्तर के छात्र, छात्राओं के ही आवेदन आये जिसमें कु शिवानी शुकला को सर्वोच्च अंक पाने और जिले की तीन अन्य प्रतिभाओं को छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित होने पर सम्मानित किया गया शैलेन्द्र अहिरवार,कु प्रज्ञा दुबे,आकाश दुबे और कु शिवानी शुक्ला को क्रमशः एम एस सी जंतु शास्त्र,संस्कृत,अंग्रेजी, और भूगोल विषय में विश्विद्यालय स्तर पर सर्वोच्च अंक पाने के फलस्वरूप दिया गया।
सेवा निवृत्त महाविद्यालयलयीन प्राध्यापकों सर्व श्री डॉ के पी राठौर, डॉ वी के रोहित, डॉ रश्मि जैन, डॉ रत्नेश सराफ एवं डॉ किरण दुबे गोस्वामी का सम्मान मुख्य अतिथि डॉ अखिलेश गुमास्ता द्वारा शाल, श्रीफल और मानपत्र से किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ आलोक सोनवलकर द्वारा किया गया। अंत में पूर्व ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष स्व विजय कुमार मलैया, पूर्व अध्यक्ष स्व जगदीश नारायण जायसवाल एवं ट्रस्ट के संस्थापक मंत्री स्व डॉ छविनाथ तिवारी को मौन श्रध्दांजलि दी गई।राष्ट्रगान के सामूहिक गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।