दमोह से धीरज जॉनसन की विशेष रिपोर्ट
दमोह जिले में प्रारंभ हुई सिंचाई परियोजनाओं से धीरे धीरे ग्रामीण अंचलों में खेती की सुविधा के साथ साथ पेयजल भी उपलब्ध होता जा रहा है परंतु इन परियोजनाओं के डूब क्षेत्र के दायरे से आस पास के गांवो को अब अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए लंबा सफर तय करना पड़ेगा।
जिला मुख्यालय के पास स्थित सद्धरू परियोजना के कारण भी,अब तक शहर से करीब 22 किमी दूर स्थित ग्राम बहेरा को शहर आने के लिए करीब 35 से ज्यादा किमी का सफर तय करना पड़ेगा क्योंकि पहले से बने हुए निकट के मार्ग पर जल स्तर बढ़ने लगा है, पैदल और वाहन यहां से निकलना बंद होते जा रहे है परंतु अभी भी कुछ लोग जान जोखिम में डाल कर यहां पूर्व में बने छोटे पुल को पार करते हुए देखे जाते है
इस नाले को पार करने की एक बड़ी वजह यह भी है कि नाले के उस पार कुछ लोगों की खेती की जमीन है पर जल भराव होने के कारण उन्हें भी एक बड़ा चक्कर लगा कर खेत तक पहुंचना होगा।
यहां अब पानी भर जाने के कारण पहले से बना मुख्यमंत्री सड़क मार्ग बंद हो जाएगा जिसका सबसे ज्यादा असर स्कूल जाने वाले बच्चों,बीमार और बुजुर्गो पर पड़ेगा,जिन्हे अब नए रास्ते से यात्रा करना होगा जो अब तक जंगल के मध्य पगडंडियों में दिखाई देता है,जहां जहरीले जीव जंतुओं का खतरा भी रहता है। परंतु सबसे अहम तथ्य यह है कि बहेरा ग्राम वासियों को अब खजुरा होते हुए बालाकोट पहुंचना होगा जिस रास्ते को बनने में अभी समय लगेगा।
सरपंच मोहन सिंह का कहना था कि क्षेत्र डूब में आ गया है,ग्राम समिति के माध्यम से प्रस्ताव बना कर भेजेंगे कि पुल बन जाए परंतु अभी तो बहेरा ग्राम के लिए जो दूसरा मार्ग है वह कच्चा और पगडंडियों वाला है जो बच्चों और बीमारों के लिए दिक्कत वाला है।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन