धीरज जॉनसन की रिपोर्ट
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से निपाम ( नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अवेयरनेस मिशन) के द्वारा स्थानीय पीजी कॉलेज में प्राचार्य डॉ केपी अहिरवार के मार्गदर्शन में बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर एक संगोष्ठी एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें चेन्नई से पहुंचे निपाम अधिकारी रामाशीष पॉल द्वारा विद्यार्थियों, प्रोफेसर एवं स्टॉफ को पेटेंट, डिजाइन, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट एवं भौगोलिक संकेतक के बारे में जानकारी दी गई।
सहायक प्राध्यापक विनोद साहू द्वारा अतिथि वक्ता के परिचय के बाद पॉल ने अपने व्याख्यान के दौरान बताया कि घर पर रहकर भी आप अपने छोटे छोटे अविष्कारों को पैटेंट कर रॉयल्टी प्राप्त कर सकते हैं, व हमारे बौद्धिक शक्ति में उपजे नए सृजनात्मक विचार उत्पादन का पंजीयन कराने की प्रक्रिया को विस्तार देते हुए बताया कि अध्ययन के अलावा एक आम आदमी बौद्धिक संपदा बना सकता है और इसे अपना आई पी पंजीकृत कर रॉयल्टी कमा सकता है।
एक कंपनी के उत्पाद को दूसरों से अलग करने में ट्रेडमार्क की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यवसाय स्थापित करने में यह कैसे उपयोगी हो सकता है। राष्ट्र के विकास में योगदान पर चर्चा के दौरान उन्होंने छात्रों को आईपीआर बना कर आजादी के अमृत महोत्सव में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
प्राचार्य डॉ. केपी अहिरवार ने अपने उद्बोधन में बौद्धिक सम्पदा अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सबको भी अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग राष्ट हित में करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार डॉ. बी डी रैकवार द्वारा किया गया।इस अवसर पर प्राध्यापक,सह प्राध्यापक,सहायक प्राध्यापक,अतिथि विद्वान एवं स्टॉफ की मौजूदगी रही ।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन