सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी
सरकारें लाखों करोड़ों रुपए जनहित कारी योजना के क्रियान्वयन के लिए जारी करती है जिससे उससे विकास कर जनता को समस्या से निजात दिलाते हुए मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें । परन्तु सांची विश्व ऐतिहासिक पर्यटक स्थल पर इसके विपरीत सरकार की राशियों को चूना लगाना कोई न ई बात नहीं रह गई । इस नगर में ऐसा ही सबकुछ होता चला आया है जनता को भले मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न हो परन्तु सरकार द्वारा आवंटित राशि तो विकास के नाम पर खर्च करना ही होती है ऐसा ही मामला नगर के बसस्टेंड पंहुच मार्ग पर देखने को मिला जहां सड़क की योजना तैयार नहीं हो सकी नाली पहले बनकर तैयार हो चुकी ।
जानकारी के अनुसार यह नगर एक विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक पर्यटक स्थल तो कहलाता ही है साथ ही मप्र सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभूराम चौधरी की विधानसभा का मुख्यालय भी माना जाता है इस नगर के विकास के लिए जहां स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी स्वयं प्रतिबद्ध है तथा नगर को विकास का जामा पहनाने की कवायद में जुटे हुए हैं जिसमें उन्होंने सांची हासे स्कूल को उत्कृष्ट विद्यालय घोषित कराया तथा करोड़ों रुपए आवंटित कर विकास का जामा पहनाने में पीछे नहीं दिखाई दिए तथा इसी विद्यालय को सीएम राइज स्कूल की श्रृंखला में ला खड़ा किया तथा इस विद्यालय के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं इसी प्रकार इस ऐतिहासिक स्थल के अस्पताल का कायाकल्प बदलने के साथ ही उन्होंने नगर की प्रसिद्धि को देखते हुए सिविल अस्पताल का दर्जा प्रदान करते हुए करोड़ों रुपए आवंटित कराकर नवीन भवन का निर्माण शुरू कराया जिससे नगर सहित क्षेत्र के लोगों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके तथा विकास का जामा पहनाया जा सके । परन्तु इस विश्व प्रसिद्ध स्थल की नगर परिषद को भी सरकारें जनकल्याण कारी योजना के साथ जनहित कारी योजना के क्रियान्वयन के लिए लाखों करोड़ों रुपए आवंटित कर धरातल पर विकास को मूर्तरूप देने की कवायद में जुटी है जिससे इस नगर में अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके तथा नगर को सौन्दर्यीकरण का जामा पहनाया जा सके परन्तु सरकार द्वारा ही यहां परिषद में नियुक्त किए गए कारकुनो का विकास का तरीका कुछ अलग ही बना हुआ है नगर के एक मात्र बसस्टेंड पंहुच मार्ग पर कहीं कोई सड़क ही नहीं दिखाई देती न ही इस बसस्टेंड परिसर में ही सड़क निर्माण के प्रयास ही किये जा सके जिससे बसस्टेंड पंहुच मार्ग की कायाकल्प बदली जा सके तथा बसस्टेंड पंहुच मार्ग पर बारिश में होने वाली कीचड़ से छुटकारा मिल सके तथा गर्मी के दिनो मे उड़ने वालें धूल के गुब्बारों से बचाव हो सके तथा यहां मिलने वाले खाद्य पदार्थ धूल रहित मिल सके इन सब मूलभूत सुविधाओं से बेफिक्र कारकुनो द्वारा विकास के नाम पर भेजी गई सरकार द्वारा आवंटित राशि को कैसे सुविधा के नाम पर ठिकाने लगाया जाता है यहां उजागर दिखाई देता है। तब सरकार की आवंटित राशि को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली तथा लाखों रुपए की सरकारी नाली निर्माण कर डाला जबकि पहले सड़क निर्माण कार्य किया जाना था जिससे लोगों को पहुंच मार्ग उपलब्ध हो सके परन्तु ऐसा नहीं हो सका सबसे पहले नाली निर्माण कर डाला इतना ही जब नाली निर्माण किया गया तो वह भी जमीनी स्तर से लगभग दो फिट ऊंचाई रखी गई जिससे सड़क का पानी नाली में पहुंचना असंभव सा हो गया इस मामले में बताया जाता है भविष्य में जब सड़क निर्माण किया जाएगा तब सड़क का पानी नाली में पहुंच सकेगा लेकिन यह बताने को कोई तैयार नहीं कि सड़क का निर्माण कब होगा तब तक बारिश का पानी दुकानदारों की दुकानों में घुसकर उनके सामान बर्बाद जरूर कर देगा इसका खामियाजा दुकानदारों को तो भोगना ही पड़ेगा साथ में लोगों को भी आने जाने की पूर्व की भांति मशक्कत उठानी पड़ेगी तथा सरकारी राशि में कमीशन खोरी के चलते आवश्यक सुविधाओं को दरकिनार कर दिया गया जो इन दिनों इस नाली निर्माण की चर्चा जोरों पर चल रही है ।तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क को लोग मोहताज है नालियों के निर्माण पहलै ही हो जाते हैं जिससे लोगों को और अधिक समस्या से जूझना पड़ सकता है ।