वन बचाने सहरिया क्रांति ने की खदान लीज निरस्ती की मांग
शिवपुरी ।दो लीज की ओट में सतनवाडा रेंज के बम्हारी गाँव में वन संपदा दोहन का रिकार्ड बनाया जा रहा है । जंगल मे खदानें लगाकर उत्खनित करोड़ों रुपये का पत्थर जगह -जगह रखा है ।बाबजूद इसके वन अधिकारी जब्ती और कार्यवाही के नाम पर हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं . पूरा जंगल का सफाया बदस्तूर जारी है , जंगल में उत्खननकर्ता पत्थर माफिया सत्ता पक्ष के स्थानीय विधायक से ताल्लुक रखते हैं ।जिस कारण उस लीज धारी को जंगल में खदान लगाने की खुली छूट मिली हुई है . वनमंडलाधिकारी बम्हारी जाकर वन कत्लेआम का पूरा नजारा अपनी आँखों से देख आई हैं बाबजूद इसके एक लिखित चेतावनी तक रेंजर को नहीं दे पाई और अभी तक उत्खनित पत्थर भी जब्ती में नहीं लेना चर्चा का विषय है।
अभी बम्हारी क्षेत्र में दिखावे के लिए आज रात से इलाके में घोषणा करके 2 दिन के लिए परिवहन रोक दिया है लेकिन टांकी –हथोडों की ठक- ठक बदस्तूर जारी है .
बम्हारी के वन इलाके के जंगलों में रोजाना तेजी के साथ जंगलों की कटाई की जा रही है। इससे जंगल में हरे-भरे पौधों की संख्या में लगातार कमी आ रही है। पेड़ों की कटाई के कारण वन परिक्षेत्र कम होता जा रहा है। कुछ साल पहले जंगल हरे-भरे हुआ करते थे, लेकिन इसमें आज कमी आ चुकी है। सतनवाडा रेंज क्षेत्र में बुड्दा के पास करिहारा में सेकड़ों पेडों को काटकर लकडिय़ों के ढेर लगा रखे है। यहाँ अतिक्रमण की नीयत से सतरूखा के पेड काटे जा रहे है तो कुछ जगह लकडी माफिया की बुरी नजर जंगलों पर है। जंगलों से हो रही पेड़ों की अवैध कटाई की जानकारी वन विभाग को न हो ये संभव नहीं है । जंगल की कटाई पर वन विभाग रोक लगाने में असमर्थ दिखाई दे रहा है। चरवाहों व ग्रामीणों ने बताया कि जंगल मे लकडिय़ों के ढेर लगे हैं। बाहरी जिले से आये लोग ट्रैक्टर ट्रॉलियों से लकडिय़ों को ले जा रहे हैं। बेरोक-टोक कटाई के चलते लकड़ी माफिया जंगलों में लगातार सक्रिय बने हुए हैं। बम्हारी में वन क्षेत्र में खनन का काम भी किया जा रहा है। स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो वन विभाग के संरक्षण में लकड़ी माफिया, खनन माफिया व अतिक्रमण माफिया पनप रहे हैं । पिछले कई दिन से जंगल में पेड़ों की कटाई चल रही है।
अवैध उत्खनन जारी
बम्हारी के आमखो पथरोली वन क्षेत्र से पत्थर का अवैध उत्खनन एवं परिवहन किया जा रहा है। जंगल में पेड़ काटकर पत्थर अवैध रूप से निकाले जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध उत्खनन की शिकायत के बाद भी विभागीय स्तर पर खनन माफिया के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की जाती है। जिससे माफिया सक्रिय हैं। हर साल पौधरोपण पर लाखों खर्च
जंगलों में पौधरोपण के लिए वन विभाग अधिकारियों को टारगेट दिया जाता है। वहीं विभाग द्वारा पौधारोपण में लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे जाते हैं। लेकिन उनकी देखरेख और सुरक्षा को लेकर ध्यान नहीं दिया जाता है। इसके अलावा जंगलों में खड़े पेड़ों की देखरेख वन विभाग द्वारा की जाए तो जंगल को काफी हद तक बचाया जा सकता है।