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70 साल की उम्र, 24 से ज्यादा केस और ट्रिपल मर्डर… लखनऊ के हिस्ट्रीशीटर लल्लन उर्फ गब्बर खान की क्राइम कुंडली

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तारीख 2 फरवरी 2024… जगह यूपी की राजधानी लखनऊ का महिलाबाद इलाका… यहां रहने वाले फरीद खान का घर अचानक से गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा. इस घर में कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी कल्पना शायद ही किसी ने की हो. यहां एक ही परिवार के तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, वो भी महज जमीन के एक टुकड़े के लिए. हत्या करने वाला परिवार का ही एक रिश्तेदार और उसका बेटा था. हैरत की बात ये थी कि जिन दो लोगों ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया उनमें से एक की उम्र 70 साल है. यही नहीं, वो एक पुराना हिस्ट्रीशीटर भी रह चुका है. सफेद दाढ़ी मूंछ वाला एक हिस्ट्रीशीटर बुजुर्ग जिसे कल तक शायद लखनऊ पुलिस और गिने चुने लोग ही जानते थे, आज उसे पूरा देश जानने लगा है. आरोपी हिस्ट्रीशीटर और उसका बेटा फिलहाल फरार हैं लेकिन उनकी तलाश के लिए पुलिस भी जी जान से जुटी हुई है. कौन है वो हिस्ट्रीशीटर बजुर्ग जिसने लखनऊ में ट्रिपल मर्डर की वारदात को अंजाम दिया चलिए जानते हैं विस्तार से…

लखनऊ में 70 साल के हत्यारोपी लल्लन खान उर्फ गब्बर खान का क्राइम की दुनिया से पुराना नाता रहा है. अब उसका नाम फिर से क्राइम की दुनिया में उछला है. न्यूज रिपोर्ट्स की मानें तो लल्लन खान काकोरी इलाके का रहने वाला है. उस पर पहले 24 से अधिक केस दर्ज थे. 80 के दशक में लखनऊ में लल्लन खान की तूती बोलती थी. वह घोड़े से चलता था और खुद को गब्बर खान कहलाता था. एक केस के सिलसिले में जब साल 1985 के आसपास लल्लन उर्फ गब्बर सिंह के घर पर दबिश दी गई थी तो उसके घर से कई हथियार मिले थे. एक ही लाइसेंस पर उसके पास कई हथियार थे. साथ ही कई अवैध असलहे भी उसके पास मिले थे. कहा जाता है कि लल्लन शुरुआत से ही हथियारों का शौकीन रहा है. उस समय छापेमारी के दौरान लल्लन के घर से 30 माउजर बरामद हुई थीं. चौकी इलाके से पुलिस ने घर से जो असलहे बरामद किए थे, उनको दरी पर बिछाकर लल्लन खान को बैठाया गया था और उसकी तस्वीर भी खींची गई थी. मलिहाबाद के रहने वाले लल्लन खान के तीन बेटे हैं, जिनमें दो बेटे पोलैंड में जाकर बस चुके हैं. वहीं, तीसरा बेटा सिराज वही है जिसने लखनऊ हत्याकांड में अपने पिता का साथ दिया.

ताजा मामला 2 फरवरी का है. लल्लन ने अपने बेटे के साथ अपने ही रिश्तेदारों की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर डाली. फिर मौके से फरार हो गए. लेकिन उनकी यह करतूत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. इस हत्याकांड के बाद जब पुलिस ने जांच शुरू की तो कई सवाल उनके जहन में आए. दरअसल, लल्लन ने हत्याकांड के समय जिस टेलीस्कोपिक राइफल का इस्तेमाल किया, उसका उसके पास लाइसेंस था. पुलिस हैरान रह गई कि आखिर इतने मामले दर्ज होने के बावजूद लल्लन खान को लाइसेंसी राइफिल कैसे मिल गई. यही नहीं, उसका लाइसेंसे रीन्यू भी होता रहा. उसका पासपोर्ट भी बना हुआ है. तो कैसे उसका पासपोर्ट बना, इन सभी सवालों को लेकर पुलिस गहनता से जांच कर रही है.

क्यों और कैसे दिया गया वारदात को अंजाम?

मलिहाबाद के मोहम्मदनगर गांव के रहने वाले फरीद खान और लल्लन खान का घर आस-पास ही है. रिश्ते में दोनों चाचा-भतीजा लगते हैं. लेकिन दोनों के बीच कई सालों से जमीन के एक टुकड़े के लिए विवाद चल रहा था. जमीन का यह विवाद पुलिस और कोर्ट तक भी पहुंचा. लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला. नतीजा ये हुआ कि दोनों परिवारों की दुश्मनी समय के साथ-साथ बढ़ती चली गई. क्योंकि जमीन के उस टुकड़े की कीमत चार करोड़ रुपये के करीब है. फरीद का कहना था कि इस जमीन का ज्यादा हिस्सा उसका है. जबकि, लल्लन का कहना था कि उसके हिस्से में ज्यादा जमीन है. दोनों परिवारों के बीच बस जमीन के ज्यादा हिस्से को लेकर ही बंटवारा नहीं हो पा रहा था. रोजाना की तरह 2 फरवरी की सुबह एक बार फिर जमीन की नाप-जोख के लिए लेखपाल को बुलाया गया.

नाप-जोख के समय फरीद खान, उसका बड़ा भाई मुनीर अहमद, दोनों का चाचा हिस्ट्रीशीटर लल्लन खान और उसका बेटा भी मौजूद था. उस दौरान फिर से बहस हुई और फरीद और लल्लन आपस में झगड़ने लगे. लेकिन जैसे-तैसे करके लेखपाल ने दोनों को शांत करवाया. कहा कि किसी और दिन जमीन की नाप-जोख की जाएगी. दोनों परिवार भी अपने-अपने घर लौट गए. लेकिन लल्लन के सिर पर उस समय इस कदर गुस्सा सवार था कि वो अपने बेटे सिराज और कुछ अन्य साथिों को लेकर फरीद के घर आ धमका. बाप-बेटे के पास लाइसेंसी राइफिल थी. आरोपी थार गाड़ी में सवार होकर फरीद के घर पहुंचे थे. वहां पहुंचते ही बाप-बेटा फरीद को गालियां देकर घर से बाहर बुलाने लगे. उस समय फरीद घर के अंदर मौजूद था. जबकि, परिवार की महिलाएं घर के बाहर थीं. लल्लन महिलाओं से भी बहस करने लगा. बहस के दौरान ही लल्लन ने राइफिल से फरीद की पत्नी फरहीन को गोली मार दी. एक गोली फरहीन के बेटे हलदा को भी जा लगी. गोली की आवाज सुनकर घर के अंदर से फरीद का बड़ा भाई मुनीर अहमद उर्फ ताज दौड़ते हुए बाहर आया. इससे पहले कि वो कुछ समझ पाता, सामने खड़े लल्लन ने मुनीर पर भी ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी. फिर दोनों बाप-बेटा मौके से फरार हो गए क्योंकि आस-पास से लोग गोलियों की आवाज सुनकर वहां आने लगे थे. बाप-बेटे को इस बात का डर सताया कि कहीं लोग उन्हें देख न लें.

ऐसे बाल-बाल बचा फरीद

तभी आनन-फानन में फरीद भी बाहर आया. अगर फरीद पहले बाहर आ जाता तो शायद लल्लन उसे भी गोली मार देता. घर से गोलियों की आवाज सुन आस-पास के लोग भी फरीद के घर पहुंच गए. खून से लथपथ तीनों लोगों को अस्पताल ले जाया गया. मलिहाबाद CHC में डॉक्टरों मे हलदा को तो मृत घोषित कर दिया. लेकिन फरहीन और मुनीर की सांसें अभी चल रही थीं. डॉक्टरों ने दोनों को तुरंत लखनऊ ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में ही दोनों ने दम तोड़ दिया. इस तरह एक ही परिवार के तीन लोगों की जिंदगी पलभर में खत्म हो गई.

बाप-बेटे का क्राइम से पुराना नाता

घटना के बाद फरीद ने पुलिस को इसकी सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का जायजा लिया. देखा कि वहां एक सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है. सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया तो हत्यारोपी उसमें दिखे. पुलिस भी हैरान रह गई कि कैसे 70 साल का एक बुजुर्ग बेखौफ होकर राइफिल से ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहा है. लल्लन और उसके बेटे के साथ कुछ और भी कैमरे में दिखे. ये लोग लल्लन के साथ ही वहां आए थे. पुलिस ने इनमें से कुछ लोगों को तो गिरफ्तार कर लिया है. जबकि, बाकी की तलाश जारी है. जिस थार गाड़ी में सवार होकर ये लोग आए थे, उसे पुलिस ने बरामद कर लिया है. फिलहाल, पुलिस की कई टीमें फरार आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. शवों का पोस्टमार्टम करवाकर उन्हें परिजनों को सौंप दिया गया है. उधर, ट्रिपल मर्डर की इस वारदात से पूरे लखनऊ में खौफ का मंजर है. बताया जा रहा है कि सिर्फ लल्लन ही हिस्ट्रीशीटर नहीं है, उसके बेटे का भी क्राइम से नाता रहा है. क्योंकि इससे पहले आरोपी लल्लन के नेत्रहीन भाई सगीर की भी घर में ही संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से पहले ही मौत हो गई थी. उस समय कहा गया था कि सगीर की हत्या हुई है, जो किसी और ने नहीं बल्कि लल्लन के बेटे ने की थी.

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