साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को लगेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, 30 अप्रैल को वैशाख मास की अमावस्या तिथि है। यह अमावस्या शनिवार के दिन पड़ने के कारण शनिचरी अमावस्या का योग बन रहा है। जबकि साल का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लगेगा। सूर्य ग्रहण की दृश्यता के अनुसार ही सूतक काल का निर्धारण किया जाता है। अगर भारत में कोई ग्रहण नजर आता है तो सूतक काल मान्य होता है। अगर भारत में ग्रहण नजर नहीं आता है तो सूतक काल मान्य नहीं होगा। धार्मिक दृष्टि से ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान मांगलिक कार्यों की मनाही होती है। मंदिर के कपाटों को भी बंद कर दिया जाता है।
जब चंद्रमा, सूर्य को ढक लेता है तो इस स्थिति में सूर्य की किरणें धरती तक नहीं पहुंच पाती हैं, तब सूर्य ग्रहण की स्थिति होती है। जब चंद्रमा, सूर्य को आंशिक रूप से ढकता है तो सूर्य की किरणें धरती पर कम आ पाती हैं जिसे आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं। वहीं, जब चंद्रमा सूर्य के मध्य भाग को ढकता है, इस स्थिति में सूर्य एक रिंग यानी अंगूठी के समान नजर आता है। तब इस स्थिति को वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।
साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल को मध्य रात्रि 12 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और सुबह 04 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। साल का पहला सूर्य ग्रहण आंशिक होगा।
साल का पहला सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी हिस्से, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका में दिखाई पड़ेगा। भारत में सूर्य ग्रहण नजर नहीं आएगा, जिसके कारण देश में सूतक काल मान्य नहीं होगा।