– सिद्ध स्थान श्री पवाधाम पर गौ-सेवार्थ श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का चल रहा है आयोजन
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
शिवपुरी के प्रसिद्ध सिद्ध स्थान श्री पवाधाम पर गौ-सेवार्थ श्रीमद् भागवत महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। इस कथा का आयोजन 23 से 30 मार्च तक चल रहा है। गौ-सेवार्थ श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दौरान शनिवार को कथा व्यास श्री रामतीर्थ दास जी महाराज ने देश में गौ सेवा को बढ़ावा देने का संदेश दिया ।
कथा के दौरान कथा व्यास श्री रामतीर्थ दास जी महाराज ने कहा कि देश में एक हिंदू एक गाय यदि सरकार लागू कर दे तो गौ माता दुर्दशा से बच सकती है। उन्होंने कहा कि गौ-सेवा सबका धर्म है। श्रीपवा धाम पर चल रही संगीत में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में श्री रामतीर्थ दास जी महाराज ने सूर्यवंश की कथा भ्रमण कराते हुए बताया कि सूर्यवंश में एक राजा अमरीश हुए जिन्होंने चक्रवर्ती सम्राट होते हुए भी भगवान की आराधना की और सेवा का व्रत भी रखा था। एक बार अमरीश जी भगवान के भोजन के लिए एक चक्की से आटा पीस रहे थे और पसीने में भीग रहे थे। तभी पीछे से ठंडी हवा आई। अमरीश जी ने पीछे मुड़कर देखा तो भगवान द्वारकाधीश स्वयं अपने दुपट्टे से सेवा कर रहे थे। अमरीश जी ने जोड़कर कहा हे प्रभु मुझे अपराध लगेगा। भगवान ने कहा जब तुम चक्रवर्ती सम्राट होते हुए भी 24 घंटे मेरी सेवा में लगे रहते हो तो मेरा भी कुछ कर्तव्य है। अमरीश जी ने क्षमा याचना मांगी। इसके अलावा नंद महोत्सव की कथा सुनाते हुए महाराज श्री ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण का अवतार पृथ्वी लोक में गौमाता और ब्राह्मण की रक्षा के लिए हुआ है। कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह वासुदेव से किया और अपनी बहन की विदाई के समय आकाशवाणी हुई कि देवकी का अष्टम पुत्र आपकी मृत्यु का कारण होगा तो उसने बहन और बहनोई को जेल में डाल दिया। भगवान ने जेल में जन्म लेकर संसार को कंस के आतंक से मुक्त किया।