दादा-दादी, नाना-नानी द्वारा सिखाए गए जीवन के सबक को किसी भी पुस्तकों को पढ़कर नहीं सीखे जा सकते- शर्मा
–केंद्रीय विद्यालय आईटीबीपी केंद्र में मनाया गया दादा- दादी, नाना-नानी दिवस
– कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी केंद्र पर शुक्रवार को दादा-दादी नाना-नानी दिवस मनाया गया। इस मौके पर स्कूली बच्चों के दादा-दादी, नाना-नानी ने यहां पर भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम में केंद्रीय विद्यालय आइटीबीपी केंद्र के प्राचार्य संजय कुमार शर्मा ने कहा कि किसी भी संयुक्त परिवार में दादा-दादी और नाना-नानी का विशेष महत्व है। उनके जीवन के अनुभव हमारे लिए उपयोगी होते हैं।
श्री शर्मा ने कहा कि दादा- दादी, नाना-नानी द्वारा सिखाए गए जीवन के सबक को किसी भी पुस्तकों को पढ़कर नहीं सीखा जा सकते। वह अपने अनुभव और समाज की वजह से नई पीढ़ियों को आगे बढ़ने में सदैव मार्गदर्शन करते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत छात्रों द्वारा दादा-दादी व नाना-नानी को तिलक और अक्षत लगाकर उनका स्वागत किया गया। कार्यक्रम में प्रभारी प्रधान अध्यापिका टी एक्का, दादा जी गोपी रघुवंशी दादी श्रीमती मधुबाला चौहान द्वारा यहां कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ की गई।
कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों द्वारा यहां स्वागत गीत गाया गया। एकल और सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी गई। कक्षा 6 की छात्रा मेघा त्रिवेदी और कक्षा 5 के छात्र रूद्र प्रताप सिंह द्वारा विचार व्यक्त किए गए। इस मौके पर महेश शर्मा और उषा भोला द्वारा अपने अनुभव साझा किए गए। कार्यक्रम में मौजूद सीनियर सिटीजन श्री पातीराम बाथम जिनकी आयु 85 वर्ष थी वरिष्ठ अतिथि के रूप में उनका सम्मान प्राचार्य द्वारा किया गया। अंत में प्रधान अध्यापिका टी एक्का द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया।