सेकड़ो साल पुराने धार्मिक आस्था से जुड़े पीपल,बरगद के पेड़ों को काटा,आदिवासियों की 100 एकड जमीन पर कब्जा
रायसेन। एक और सरकार जहां आदिवासियों के उत्थान के लिए नई नई योजनाएं ला रही है वही जमीनी हकीकत जाएगी कई जगहों पर आज भी उन्हें उनकी जगह से बेदखल कर भूमि हीन बनाया जा रहा हैं। यह गंभीर मामला रायसेन जिले के गांव भरदा चांदोरा का है, जहां स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत से आदिवासियों की जमीन हड़पने का घिनौना काम किया जा रहा है।
भोपाल के प्रभावशाली दबंग लोगों द्वारा ओने पौने दाम देकर गरीब हरिजन आदिवासियों के साथ षड्यंत्र कर उनकी जमीनो को हथियाने का खेल खुलेआम खेला जा रहा है। इस गांव में करीब 25 परिवारों की जमीन को इसी तरह बाहर के प्रभावशाली दबंगों द्वारा गलत तरीके से शासन के नियमों को ताक में रखते हुए सैकड़ों एकड़ जमीन को हड़प लिया गया। और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा रहा। अब इन भू माफियाओ के हौसले इतने बुलंद हो गये हैं कि यहा स्तिथ प्राचीन धार्मिक स्थान बड़ा महादेव शिव मंदिर के आसपास की जमीन पर लगे धार्मिक महत्व के सैकड़ो साल पुराने कई पेड़ काट दिए गए। जिससे स्थानीय लोगो की आस्था को ठेस पहुँच रही हैं।
सोशल मीडिया पर यह मामला वायरल होने के बाद आज रायसेन कलेक्टर अरविंद दुबे ने एडीएम रायसेन आदित्य रिछारिया के नेतृत्व में राजस्व एवं वन विभाग की संयुक्त टीम बनाकर मौके पर जांच के लिए एक दल को भेजा। जांच दल ने बिना अनुमति के अवैध रूप से काटे गए प्राचीन पेड़ों के अवशेषों को जप्त कर मामले की जांच शुरू कर दी है। वीडियो रायसेन मैं ऑक्सीजन देने वाले इन पेड़ों की कार्बन मैपिंग करा कर इनके वैल्यू का आकलन कराने का आश्वासन दिया है। जिसके बाद भू माफियाओं पर केस बनाकर जुर्माना लगाया जाएगा। वही आदिवासियों की जमीन दीगर समाज के लोगों ने कैसे खरीद ली इसकी भी जांच रायसेन कलेक्टर द्वारा कराई जा रही हैं। स्थानीय आदिवासी ग्रामीणों ने उनकी पैतृक जमीन उन्हें वापस दिलाने की मांग जिला प्रशासन से की है।
रायसेन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम भरदा चन्दोरा में बिना अनुमति के दर्जनों पेड़ काट दिए गए हैं। यहां लगभग 200 साल पुराने पीपल और बरगद के पेड़ को भी काटा गया है। यहां कई साल पुराने नाले का भी रुख बदलने के लिए नाले के किनारे लगे पेड़ों को भी काटकर नाले में डाल दिया गया है। जिला प्रशासन ने राजस्व और फारेस्ट विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है। एडिशनल कलेक्टर आदित्य रिछारिया ने मौके का मुआयना करने के बाद बताया की मामले की पूरी जांच की जा रही है। इसके लिए बन और राजस्व की टीम मौके पर जांच कर रही हैं। यहां कुछ आदिवासियों की जमीन बिकने का मामला भी सामने आ रहा है। उसकी भी जांच की जा रही है। यही नहीं यहां प्राचीन एक मंदिर तक जाने का रास्ता भी बंद कर दिया गया है। जिससे स्थानीय ग्रामीण परेशान है। एक और सरकार जहां आदिवासियों के उत्थान के लिए नई नई योजनाएं ला रही है वही जमीनी हकीकत जाएगी कई जगहों पर आज भी उन्हें उनकी जगह से बेदखल कर बेरोजगार किया जा रहा है।