दमोह से धीरज जॉनसन
दमोह शहर से जबलपुर की ओर करीब 42 किमी जाने के बाद फिर दाहिनी ओर करीब 8 किमी दूर चलने पर प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर मटककुंड नामक स्थान दिखाई देता है जो प्रकृति प्रेमियों को काफी आकर्षित करता है,वैसे तो साल भर यह क्षेत्र हरा भरा रहता है पर बारिश के बाद इसकी खूबसूरती देखने लायक होती है।
यहां पहाड़ियों से निरंतर गिरता झरना बहुत ही सुंदर दिखाई देता है जिसे मटककुंड के नाम से जाना जाता है परंतु यहां तक पहुंचने के लिए दुर्गम और उबड़ खाबड़ रास्ते और चट्टानों की शिला को पार करना पड़ता है जंगल के मार्ग में करीब एक किमी के रास्ते में बहते हुए नालों को पार कर कठिनता से यहां तक पहुंचा जाता है।
प्रतिवर्ष लोग यहां घूमने और पिकनिक मनाने आते है क्योकि तीन ओर पहाड़ी से घिरा यह इलाका हरे पेड़ों और साल भर पानी रहने के कारण देखने योग्य रहता है। पहाड़ी के ऊपर से प्रकृति का अद्भुत नजारा दिखाई देता है जहां कई प्रकार के पेड़ जो जीव जंतुओं का आहार और शरण स्थल भी है लोगों का मन मोह लेते हैं चट्टानों की ओट में जंगली जानवरों का बसेरा भी है पहाड़ों की ऊंचाई होने की वजह से सूरज का प्रकाश भी यहाँ कम समय के लिए रहता है और जंगली जानवरों का खतरा भी बना रहता है।
जंगल से आता हुआ पानी छोटे-बड़े झरने के रूप में यहां तब्दील हो जाता है और काफी ऊंचाई से नीचे गिरता है जो बहुत ही मनोरम दृश्य उत्पन्न करता है कहते है कि जंगल से आने वाला यह पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है।
स्थानीय निवासी पवन राय ने बताया कि यह प्राकृतिक और दर्शनीय स्थल है जंगली जानवर भी यहां दिखाई देते है।अगर पैदल सड़क मार्ग और लाइट लग जाए तो इसका सौंदर्य सभी के लिए सुलभ हो सकता है।गणेश सिंह ने बताया कि कुंड की बहुत गहराई है और बहुत खूबसूरत भी है एक गुफा भी यहां मौजूद है।चट्टानों पर शिलाजीत भी है पर काफी कठिनाई से दिखाई देती है।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन