विकास से कोसों दूर ग्राम जेर:5 किमी कच्चा मार्ग, हैंडपंप खराब,अधूरे तालाब और खेल मैदान,सफाई का इंतजार
बदलाव की राह देख रहे ग्रामीण
दमोह से धीरज जॉनसन की विशेष रिपोर्ट
दमोह:जिले में कुछ गांव आज भी पिछड़ी हुई अवस्था में है जिन्हे देखकर लगता है कि ग्रामीण विकास की राह अभी भी कोसों दूर है गांवो के लिए वर्षो से अनेकों योजनाएं क्रियान्वित होती रहती है पर धरातल पर दिखाई नहीं देती है और ग्रामीण आज भी कष्टप्रद जीवन जीने को मजबूर है।
शहर से लगभग 36 किमी दूर कटनी मार्ग पर घाट पिपरिया के पास पटेरा तहसील के ग्राम पंचायत इमलिया के ग्राम जेर तक पहुंचने के लिए 5 किमी तक कच्चे रास्ते का सफर तय करना पड़ता है वैसे तो यहां तक पहुंचने के लिए पटेरा के पास से भी रास्ता है पर वह भी दुर्गम है।लगभग 350 की आबादी वाले इस गांव तक पहुंचने के लिए लगभग पांच किमी कच्चा मार्ग है पर गांव में भी सड़क और नाली निर्माण नहीं हुआ है अधिकतर जगहों पर गंदगी दिखाई देती है।
इस गांव में दो हैंडपंप दिखाई देते है पर वे काफी समय से खराब है जिसे ठीक नहीं किया गया है। गांव के बुजुर्गो का कहना था कि अगर ये ठीक हो जाएं तो उन्हे परेशानी से निजात मिल सकती है।
इस गांव में बने हुए दो कुंए ही पानी का मुख्य स्रोत है जिनमें से एक कुएं का पानी पीने योग्य नहीं है दूसरा कुंआ बस्ती से दूर है जहां बारिश के मौसम में कठिनाई से पहुंचना पड़ता है जोखिम का सामना करते हुए बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक पानी भरते है,क्योंकि पानी गिरने के बाद पानी के बर्तन लेकर मिट्टी में चलना बहुत कठिन होता है।
कुछ दूर एक तालाब अपूर्ण स्थिति में है तो खेल मैदान और मुक्तिधाम की हालत दयनीय है,पानी के मौसम में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है।
गांव के रतन,पप्पू,घनश्याम,गणेश,देवी,रामरानी ने बताया कि कई वर्षो से यहां के हालत ठीक नहीं है पर जनप्रतिनिधियों ने ध्यान नहीं दिया,मात्र दो कुटीर स्वीकृत हुई,शौचालय का निर्माण नहीं हुआ,बारिश के मौसम में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते है,यही हाल मरीजों के साथ है काफी मुश्किलों का सामना कर मुख्य मार्ग तक पहुंचना पड़ता है,अस्पताल दूर है
जहरीले जीव जंतुओं का भय व्याप्त रहता है पर इलाज की सुविधा नहीं है पानी की कमी के कारण खेती भी नहीं कर पाते है।सड़क मार्ग न होने से बारिश के समय दो पहिया वाहन भी निकल नहीं पाते है पर कोई ध्यान नहीं देता है।
न्यूज स्रोत:धीरज जॉनसन