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दो साल से बंद पड़ी साँची स्तूप की कैंटीन, पर्यटकों को हो रहे परेशान

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पुरातत्व विभाग समिति के माध्यम से संचालित कर रहा था केंटिन कोरोना काल से पड़ी हे बंद

सांची रायसेन से देवेंद्र तिवारी

पुरातत्व विभाग के अंतर्गत आने वाले स्तूप परिसर की दूरी नगर से लगभग दो किलोमीटर है जिससे दूरदराज से आने वाले पर्यटकों को खानपान जलपान के लिए पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने वर्षों पूर्व विभाग द्वारा दो केंटिन को अस्तित्व में लाया गया था जिससे पर्यटकों को भटकना न पड़े ।इन केंटिन का संचालन विभाग द्वारा अपने ही कर्मचारियों की सहकारी समिति को ठेके पर सौंपी जाती थी जिससे न केवल कर्मचारियों को अतिरिक्त आय का साधन होता था बल्कि विभाग को भी खासी आय जुट जाती थी परन्तु कोराना काल से बंद हुई दोनों केंटिन दो साल बाद भी नहीं खुल सकी जिससे कर्मचारियों की अतिरिक्त आय तो चली ही गई बल्कि विभाग की भी खासी आय को भी पलीता लगा गया।
जानकारी के अनुसार नगर में स्थित पुरातत्व विभाग अंतर्गत आने वाले बौद्ध स्मारकों के दर्शनार्थ हजारों की संख्या में देश विदेश के पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने विभाग द्वारा परिसर में दो केंटिन अस्तित्व में लाई गई थी इसमें एक केंटिन विभाग के दफ्तर के समीप थी तथा एक केंटिन परिसर के बाहरी क्षेत्र में स्थित थी इन केंटिन को विभाग द्वारा अपने ही कर्मचारियों को जीवन स्तर उठाने के लिए कर्मचारियों की सहकारी समिति को वार्षिक दर पर दी जाती थी इससे न केवल कर्मचारियों को अतिरिक्त आय होती थी बल्कि विभाग को भी खासी आय हो जाती थी इस आय के रूप में जहां कर्मचारी अपनी आय जुटाकर आय बढ़ा लेते थे तो दूसरी ओर लगभग चार लाख रुपए के आसपास विभाग को भी वार्षिक आय हो जाती थी तथा इन केंटिन पर चायपान जलपान सहित बिसलरी की बाटल भी उपलब्ध हो जाती थी जिससे पर्यटक परेशानी से बचा जाते थे
साथ ही कर्मचारियों के परिवार भी रोजगार से लगे रहते थे बताया जाता है इन दोनों केंटिन पर पांच छः कर्मचारियों को भी समीति रोजगार उपलब्ध कराती थी इसी बीच देशभर में कोराना महामारी ने दस्तक देते हुए लोगों को मौत के मुंह में ढकेल दिया तब सरकारों ने कोरोना से सुरक्षित रहने लाकडाउन तथा प्रतिबंध लगाया तब से यह स्तूप परिसर की केंटिन भी अछूती नहीं रही ।तब यहां पर्यटकों को यह क्षेत्र प्रतिबंधित कर दिया गया तब से ही यह केंटिन भी बंद हो गई हालांकि कोरोना महामारी से छुटकारा मिलते ही सभी प्रतिबंध समाप्त कर दिए गए परन्तु यह केंटिन आज भी प्रतिबंध से छुटकारा पाने इंतजार कर रही है साथ ही समीति के अंतर्गत इन केंटिन पर काम करने वाले लगभग पांच छः परिवार आज भी इन केंटिन के खुलने का इंतजार कर रहे हैं इस तथा यहां आने वाले बड़ी संख्या में पर्यटक भी इस स्थल पर केंटिन खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जिससे लोगों को जलपान आदि की समस्या से निजात मिल सके परन्तु विभाग नींद से जागने का नाम नहीं ले पा रहा है जिससे कर्मचारी समीति तो इंतजार कर ही रही है बल्कि इन पर काम करने वालों को भी बेसब्री से इंतजार है बावजूद इसके विभागीय अधिकारियों को इन केंटिन की सुध लेने की फुर्सत न तो मिल पा रही है न ही अधिकारियों को अपने विभाग को होने वाली अतिरिक्त आय की ही चिंता हो पा रही है जिससे विभाग को होने वाली लाखों रुपए की आय को पलीता लगा रहा है ।

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