सुरेन्द्र जैन रायपुर
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आमापारा बालोद के तत्वाधान में गुरुवार 12 मई को *दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण* कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि बालोद पुलिस अधीक्षक गोवर्धन ठाकुर जी, उप पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम जी, सेवानिवृत्त आरटीओ ऑफीसर भ्राता पी चुरेंद्र जी एवं ब्रह्माकुमारीज मुख्य संचालिका बीके विजयलक्ष्मी दीदी सहित सह संचालिका बीके सरिता दीदी जी उपस्थित थे।
सभा को संबोधित करते हुए बीके सरिता दीदी ने कहा कि अध्यात्म के आधार पर हम अपनी छुपी हुई सभी शक्तियों को जागृत कर सकते हैं। जिस प्रकार बालक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गया, सिस्टर टेरेसा अपने जीवन में करुणा का भाव अपनाकर मदर टेरेसा बन गई, हम भी अपने आत्मिक गुणों को जीवन में लाकर अपने आसपास के वातावरण को शुद्ध एवं दिव्य बना सकते हैं।
सेवानिवृत्त आरटीओ ऑफीसर पी चुरेंद्र जी ने कहा कि मैं जब से ब्रह्माकुमारी संस्था में आने लगा हूं मानसिक शांति की अनुभूति हुई है। इससे मेरे जीवन को काफी लाभ मिला है , इसलिए मैं सभी को इस से अपील करता हूं कि सभी ब्रह्माकुमारी संस्था को जाने समझे और यहां दी जाने वाली शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रज्ञा मेश्राम जी ने कहा कि अपने जीवन में सुख के कारण भी हम ही हैं तो दुख के कारण भी हम ही हैं। सुख और दुख दोनों में तालमेल बिठाकर इस जीवन को चलाने के लिए जो तकनीक हम अपनाते है वही जीवन का सार है। हर वर्ग हर उम्र के लोगों को मैडिटेशन की उपयोगिता को समझना चाहिए तथा इसे जीवन में उतारना चाहिए। इस संस्था की मेडिटेशन रूम में जब मैं बैठी तो बहुत शक्तिशाली वाइब्रेशन की महसूसता हुई, इसलिए समय निकालकर मैं पुनः मेडिटेशन करने अवश्य आऊंगी।
पुलिस अधीक्षक श्री गोवर्धन ठाकुर जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था ही एकमात्र ऐसी धार्मिक संस्था है जो निर्विवाद रूप से अपना कार्य पूरे विश्व भर में कर रही है और लोग स्वस्फूर्त होकर इससे जुड़ते आए हैं। यह ईश्वरीय शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जिस राष्ट्र के लोग अपनी आत्मिक शक्ति को विश्व कल्याण में लगाते हैं तो वह राष्ट्र *विश्व शक्ति* के रूप में अपना वजूद बना पाता है। मुझे खुशी है कि इस संस्था द्वारा सकारात्मक पहल पूरे विश्व भर के लिए किया जा रहा है।
ब्रह्माकुमारीज की मुख्य संचालिका बीके विजयलक्ष्मी दीदी ने कहा कि कलयुग में मनुष्य के पास सभी प्रकार की सुख सुविधाएं होते हुए भी आंतरिक निराशा है। इस निराशा का कारण है जीवन में आध्यात्मिकता की कमी। जब जीवन में अध्यात्मिकता आती है तो आत्मा का कनेक्शन परमात्मा से होता है और परमात्मा के दिव्य गुण हमारे अंदर आने से सकारात्मक परिवर्तन हमारे जीवन में दिखाई देने लगता है।
आगे दीदी ने हम से चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान समय विश्व की नाजुक परिस्थितियों को देखते हुए संस्था ने वर्ष 2022- 23 के लिए थीम निर्धारित किया है – *दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण* आज उसका विधिवत उद्घाटन किया गया। इस थीम के तहत प्रतिदिन संस्था के भाई बहनों द्वारा राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से पूरे विश्व में सुख शांति एवं शुभ भावना की तरंगे फैलाई जाएंगी,जिससे सर्व मनुष्य सहित विश्व में शांति का वातावरण बन सके।
राजयोग की कामेंट्री द्वारा सभा में शांति की अनुभूति भी कराई गई तथा सभी से प्रतिज्ञा भी कराया गया।
अंत में बीके भोपसिंह साहू जी द्वारा अतिथियों का आभार किया गया एवं बीके मनीष भाई द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।