शिवलाल यादव
रायसेन।कोरोना काल के दो साल बाद अब फिर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना शुरू हो गई। योजना में इस बार सरकार ने बदलाव करते हुए हर जाति व धर्म की बेटी को इसमें शामिल कर लिया है। अमीरी-गरीबी वाला पैमाना इस बार खत्म कर दिया गया है।बाकायदा इसके लिए नए नियम बनाकर सरकार ने जिला मुख्यालयों पर भेजते हुए प्लानिंग बनाने के निर्देश दे दिए हैं। प्रशासनिक अधिकारियों ने भी जिला, जनपद पंचायतों के अलावा नगर पालिका व परिषदों के माध्यम से विवाह सम्मेलन कराने की योजना बनाना शुरू कर दी है।
जिले में फिलहाल अधिकारियों ने औसतन 500 बेटियों का ब्याह करने की प्लानिंग शुरू की है। यदि अच्छा सपोर्ट मिला तो बेटियों की संख्या बढ़ जाएगी। क्योंकि पहले सिर्फ आरक्षित वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटी का ब्याह ही सरकार अपने स्तर से करती थी।
लेकिन इस बार सर्वहारा वर्ग, धर्म व अमीर-गरीब सभी को सम्मेलन में शामिल होने की पात्रता तय कर दी। इसके लिए सरकार ने सिर्फ एक ही शर्त रखी हैं कि या तो बेटी मप्र की मूल निवासी हो या बेटी का पिता भी मूल निवासी है। दोनों की परिस्थिति में उसे मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में शामिल किया जा सकता है।
बेटी के विवाह पर 55 हजार खर्च होंगे…..
कलेक्टर अरविंद दुबे ने बताया कि योजना के तहत बेटियों का विवाह करने के लिए सरकार ने प्रत्येक बेटी के विवाह पर 55 हजार रुपए खर्च करने की रूपरेखा तय की है। इसमें 11 हजार रुपए बेटियों को चेक से दिए जाएंगे। वहीं 6 हजार रुपए सम्मेलन कराने वाली जनपद पंचायत या नगर परिषदों को दिया जाएगा। वहीं 38 हजार रुपए की विवाह सामग्री बेटियों को दी जाएगी।