– जिला अस्पताल में नहीं मिल पा रही सही स्वास्थ्य सुविधाएं
– मरीजों का बुरा हाल
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
शिवपुरी के जिला अस्पताल में तापमान के साथ गर्मी बढ़ने की वजह से अचानक से मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। हालात यह हैं कि वार्ड में मरीजों की संख्या फुल होने के बाद गली में भी पलंग डालने पड़े हैं। कई पलंगों की स्थिती यह है कि एक पलंग पर दो-दो मरीज भर्ती हैं। अभी तो अप्रैल माह ही चल रहा है, अभी से मरीजों को कुर्सी पर बैठ कर ड्रिप लगवाने और इलाज करवाने को मजबूर होना पड़ रहा है। नर्सिंग स्टाफ पर मरीजों का बोझ इस हद तक बढ़ गया है कि वह मरीजों पर ध्यान नहीं दे पा रही हैं। अगर ऐसे में किसी मरीज की ड्रिप बंद हो जाती है या किसी मरीज को अपनी ड्रिप निकलवानी होती है तो मरीज को खुद ही उठ कर नर्स के पास जाना पड़ रहा है।
शिवपुरी में इस समय दिन का तापमान 42 डिग्री के आसपास दर्ज किया जा रहा है। गर्मी के तीखे तेवर के बीच कई बीमारियों से पीड़ित मरीज इस समय अस्तपाल में पहुंच रहे हैं। यहां पर मेडिकल वार्ड, शिशु वार्ड सहित अन्य स्थानों पर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिला अस्पताल में इस समय पेट दर्द, चक्कर, उल्टी व अन्य बीमारियों से पीड़ित ज्यादा आ रहे हैं।
जिला अस्पताल में बात अगर दवाओं की करें तो अस्पताल में कई दवाएं डॉक्टरों द्वारा बाहर से मंगाई जा रही हैं, क्योंकि अस्पताल में कई दवाएं उपलब्ध ही नहीं हैं।
अगर जिला अस्पताल में उपलब्ध दवाओं पर ध्यान दें तो नियमानुसार 280 तरह की दवाएं आवश्यक दवाओं की सूची में शामिल हैं, लेकिन इनमें से कई तरह की दवाएं अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। इसके अलावा एक अन्य सूची नॉन एडीएल की होती है। यह दवाएं आवश्यक दवाओं की सूची से अतिरिक्त ऐसी दवाएं होती हैं, जो अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा मरीजों को लिखी जाती हैं। अगर अस्पताल में अतिरिक्त बजट है तो इन दवाओं को भी क्रय किया जा सकता है, लेकिन ऐसी दवाओं की भी अस्पताल में उपलब्धता नहीं है। मगर इस ओर न तो जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान है और न ही क्रय शाखा इस ओर कोई ध्यान दे रही है, जबकि वास्तविकता यह है कि सबसे पहले इन्हीं चीजों का क्रय किया जाना अनिवार्य है क्योंकि ये सीधे-सीधे मरीज से जुड़ी सेवा है।
इसके अलावा भी कई दवाएं हैं जो अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में विचारणीय पहलू यह है कि बीमारियों के मौसम में आखिर कैसे मरीजों को उपचार कैसे दिया जाएगा।