इस सदी के महान संपादकों में से एक राजेंद्र माथुर पर केंद्रित मेरी नई किताब: सदी का संपादक राजेंद्र माथुर की प्रति मेरे हाथ में है। नेशनल बुक ट्रस्ट को इसके लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।
अभी तक स्वर्गीय राजेंद्र माथुर के लेखन पर तो अनेक पुस्तकें आ चुकी हैं ।पर, उनके ज़िंदगीनामे तथा पत्रकारिता पर केंद्रित उनके श्रेष्ठतम आलेखों का कोई संकलन अभी तक नही आया था ।
इस पुस्तक में हिंदी पत्रकारिता पर उनके कई आलेख हैं । मैं उनके संपर्क में क़रीब चौदह साल रहा और उनके साथ रहते हुए पत्रकारिता सीखने और समझने का अवसर मिला । इस पर भी आप एक लंबा संस्मरण आलेख पढ़ सकते हैं ।स्वर्गीय राजेंद्र माथुर ने अंग्रेजी दैनिक टाइम्स ऑफ इंडिया में हिंदी पत्रकारिता के बारे में एक श्रृंखला लिखी थी । पुस्तक में पहली बार उसका हिंदी अनुवाद आपके बड़े काम का हो सकता है । आपातकाल के बाद आम चुनाव से ठीक पहले इस देश की लोकतांत्रिक ज़मीन और सरोकारों पर उन्होंने सात मुद्दे लिखे थे । इन मुद्दों ने सारे देश को झिंझोड़ा था । यह ऐतिहासिक दस्तावेज भी आप इसमें पढ़ सकते हैं ।मगर इसमें सबसे ज़रूरी आलेख कश्मीर प्रसंग पर है । यह आलेख उन्होंने 1965 में अक्टूबर माह में लिखा था । कश्मीर : अधूरा मंत्रपाठ शीर्षक से। टुकड़ों में तो यह आलेख कहीं कहीं मिलता है ,पर एक साथ पहली बार इसे आप पढ़ सकते हैं ।इस किताब के साठ से अधिक पन्नों में यह आलेख भारतीय पत्रकारिता का एक अनमोल दस्तावेज़ है । ध्यान रखिए कि 1965 में इस देश में न तो टीवी था और न इंटरनेट और न ही संचार साधनों का विस्तार था ।फिर भी इस आलेख की अदभुत जानकारियां हमें चौंकाती हैं । मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि हिंदी पत्रकारों और संपादकों के अलावा आधुनिक भारत के इतिहासकारों के लिए यह पुस्तक अनमोल है । यह पुस्तक मेरी है इसलिए नही कह रहा हूं ,बल्कि जब आप पढ़ लेंगे तो आप स्वयं इस बात को कहेंगे और सचमुच इसमें मेरा कोई योगदान नहीं है ।जो भी है ,माथुर जी का लेखन ही है । इसीलिए मैंने इस पुस्तक की रॉयल्टी से प्रतिवर्ष एक संपादक को राजेंद्र माथुर सम्मान देने का विचार किया है । आशा है कि इसमें सफल होऊंगा ।
मेरे लिए वह अत्यंत अविस्मरणीय क्षण था ,जब मैने स्वर्गीय राजेंद्र माथुर की धर्मपत्नी श्रीमती मोहिनी माथुर को यह पुस्तक भेंट की । उनका आशीर्वाद और स्नेह मुझे हमेशा मिलता रहा है । आने वाले दिनों में इस पुस्तक के चुनिंदा अंश भी आपके लिए लाता रहूंगा । श्रीमती माथुर को मैने इससे पहले प्रकाशित पुस्तक शब्द सितारे भी भेंट की ।इस पुस्तक में हिंदी के अनेक बेजोड़ सितारों के ज़िंदगीनामे हैं ।स्वर्गीय माथुर जी पर केंद्रित एक आलेख अलग से भी इस पुस्तक में है । इसके अलावा फणीश्वरनाथ रेणु, मैथिलीशरण गुप्त, वृन्दावनलाल वर्मा, दुष्यंत कुमार और अमृता प्रीतम जैसे अनेक साहित्य सेवियों की जीवन यात्रा पर भी विस्तृत जानकारी है । प्रसंगवश बता दूं कि यह पुस्तक भी नेशनल बुक ट्रस्ट ने ही प्रकाशित की है । इसके लिए मैं ट्रस्ट के हिंदी संपादक श्री पंकज चतुर्वेदी का भी आभारी हूं ।
यह पुस्तक नेशनल बुक ट्रस्ट के पोर्टल से ऑन लाइन खरीदी जा सकती है ।दिल्ली तथा देश में राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सभी विक्रय केंद्रों से भी आप ले सकते हैं ।
-इस पुस्तक के लेखक देश के ख्यात वरिष्ठ पत्रकार और लेखक हें।