देश के कुछ हिस्सों में 14 जनवरी को तो कुछ हिस्सों में 15 जनवरी को मकर संक्रांति उत्सव मनाया जाएगा। मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2022) हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पर्व से जुड़ी कई परंपराएं भी हैं।
कहा जाता है कि इसी मकर संक्रांति से ही देवताओं का दिन शुरू होता है। आज हम आपको मकर संक्रांति से जुड़ी खास बातें बता रहे हैं.
1. सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो संक्रांति कहते हैं। 14 जनवरी को सूर्य धनु से मकर राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश को मकर संक्रांति कहते हैं।
2. मकर राशि का स्वामी शनि ग्रह है। शनि को सूर्य का पुत्र माना जाता है। जब सूर्य मकर राशि में आता है तो ऐसा माना जाता है कि सूर्य अपने पुत्र के घर आए हैं।
3. मकर राशि में सूर्य के आने से खरमास खत्म हो जाएगा और सभी तरह के मांगलिक कर्म फिर से शुरू हो जाएंगे।
4. मकर संक्रांति सूर्य पूजा का महापर्व है। इस दिन सूर्य देव के लिए विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन किसी पवित्र में स्नान करें और सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए।
5. सूर्य पूजा का महत्व श्रीकृष्ण ने अपने पुत्र सांब को बताया था। ये प्रसंग ब्रह्मपुराण में बताया गया है। श्रीकृष्ण ने सांब को बताया था कि वे स्वयं भी सूर्य की पूजा करते हैं।
6. सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। मकर संक्रांति पर तांबे के बर्तनों का दान करना चाहिए।
7. सिंह राशि का स्वामी सूर्य है। सूर्य को ज्ञान का कारक माना गया है। जो लोग रोज नियमित रूप से सूर्य को जल चढ़ाते हैं, उनकी बुद्धि प्रखर होती है और बुद्धि से संबंधित कामों में सफलता मिलती है।
8. मकर संक्रांति के समय ही सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण होता है। इस साल 15 जनवरी को सूर्य उत्तरायण हो रहा है। इसके बाद से ठंड कम होने लगेगी और गर्मी बढ़ने लगेगी।