सुरेन्द्र जैन धरसीवां
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे धरसीवां थाना क्षेत्र के सांकरा में कबाड़ की आड़ में अफरा तफरी का गोरखधन्धा पुनः तेजी से पैर पसारने लगा है।
सूत्रों के मुताबिक अवैध कबाड़ का गौरखधंधा करने वालो ने सांकरा धनेली के बीच सांकरा की सीमा में किराए से यार्ड तक ले रखा है जहां से यह गौरखधंधा संचालित होता है सांकरा ग्राम पंचायत के सरपंच उपसरपंच भी कई बार अवैध कबाड़ा कारोबार को बन्द कराने की मांग कर चुके हैं ।
*फेक्ट्रियो से निकलते ही वाहन पहुचते हैं यार्ड में*
सूत्रों की माने तो अवैध कबाड़ की आड़ में भी अफरा तफरी का गौरखधंधा चलता है कुछ बड़े उधोगो के कर्मियों से मिलीभगत के चलते मालवाहक वाहनों में लोहा अधिक मात्रा में बाहर आता है उदाहरणार्थ किसी बड़े प्लांट से किसी खरीददार को जितने टन माल जाना होता है उससे एक दो टन अधिक ही माल बाहर आता है लेकिन कर्मियों की मिलीभगत के चलते संबंधित कंपनी के कांटा पर उस अधिक माल को नहीं दर्शाते बल्कि कांटा से उतना ही वजन दर्शाया जाता है जितना माल क्रेता के यहां जाना है इसके बाद प्लांट से निकलते ही मालवाहक वाहन सीधे कबाड़ी के यार्ड में पहुचता है जहां जो माल अधिक मात्रा में लाया गया है उसे उतारता है इस तरह का गौरखधंधा रातभर चलता है और सुबह होने से पहले पहले ही कबाड़ी उस माल को छोटे भट्टी प्लांट में ठिकाने लगा देते हैं
जानकर भी हैं अनजान
सूत्रों की माने तो ऐंसा कतई नहीं कि जिम्मेदारों को इसकी भनक न हो कब कहाँ कौन कबाड़ी क्या कर रहा है किस तरह की हेराफेरी करता है किन बड़े उधोगो के कर्मियों की सेटिंग से माल बाहर आता है किन छोटे भट्टी प्लांट में रातों रात बिककर वह गलकर नया रूप ले लेता है इसकी जानकारी से कोई भी जिम्मेदार अनभिज्ञ नहीं है यह बात अलग है कि जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने रहते हैं अब अनजान बने रहने के पीछे क्या कारण है यह समझ पाना मुश्किल है।