– विश्व आध्यात्मिक संस्थान ने सर्व धर्म सभा का आयोजन कर 50 से अधिक सामाजिक संगठनों का किया सम्मान
रंजीत गुप्ता शिवपुरी
सभी धर्मगुरु मिलकर अपनी-अपनी एकता,अखंडता को बरकरार रखने सार्थक पहल करें, तो ऐसी कोई भी विनाशकारी शक्ति नहीं जो विद्वेष का वातावरण समाज में निर्मित कर पाए। इसलिए हम सब मिलकर एक बेहतर देश, बेहतर भविष्य और बेहतर समाज का निर्माण करने का सार्थक प्रयास करें तो हमें निश्चित रूप से समाज में कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। यह बात विश्व आध्यात्मिक संस्थान द्वारा आयोजित की गई सर्व धर्म सभा के अवसर पर अपना उद्बोधन देते हुए संस्थान के प्रमुख डॉ रघुवीर सिंह गौर ने कही।
उन्होंने बताया कि समाज किसी एक व्यक्ति या एक वर्ग से मिलकर नहीं बनता वरन समाज समग्र लोगों से मिलकर बनता है। ऐसे मे हमारे धर्म ग्रंथों में जो धार्मिक, नैतिक, सामाजिक संस्कार विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से दिए गए हैं उन्हें हम अपनाएं तो समाज में कभी भी एक दूसरे के प्रति विकार भाव मन में ही ना आए। लेकिन हम लोग व्यर्थ के राग द्वेष में फसकर अपने आसपास के वातावरण को बिगाड़ने की पहल कर देते हैं, बस यही प्रक्रिया एक दूसरे के लिए हानिकारक होती है और समाज के वातावरण को भी बिगड़ती है। इसलिए हम सबको सामाजिक सद्भाव, एकता, स्नेह और प्यार के साथ रहना चाहिए और समाज में हम क्या बेहतर दे सकते हैं, क्या बेहतर समाज के लिए कर सकते हैं, इसके लिए सतत संकल्पित रहना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन क्षत्रिय महासभा के बृजेश सिंह तोमर और संध्या ने संयुक्त रूप से किया जबकि आभार प्रदर्शन डॉ डीके सिरोठिया और क्षत्रिय महासभा अध्यक्ष एसकेएस चौहान ने व्यक्त किया। आयोजन के दौरान विधायक कोलारस वीरेंद्र रघुवंशी, एडीजे अर्चना सिंह,कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी और एसपी राजेश सिंह चंदेल विशेष रूप से उपस्थित रहे। जिन्होंने सर्व धर्म सभा की सार्थकता को बेहतर पहल बताया।
-धर्म गुरु बोले- हर धर्म में प्यार और मोहब्बत की इबादत, नफरत को किसी भी धर्म में स्थान नहीं दिया
विश्व आध्यात्मिक संस्थान के डॉ रघुवीर गौर ने कहा कि धर्म के अलग-अलग भेद हो सकते हैं। कोई हिंदू है, कोई मुस्लिम है। कोई सिख, ईसाई, पारसी, जैन है। लेकिन किसी भी मजहब में नफरत कोई स्थान नहीं दी है। सभी मजहब प्यार और स्नेह को बढ़ाने का काम करते हैं। इसलिए हम सब मिलकर धर्म, समाज और संस्कृति की रक्षा करते हुए देश की एकता और अखंडता को कायम रखने के लिए सदैव प्यार और भाईचारा बढ़ाने का काम करें। मानवता के कार्य करें सेवा के कार्य बनाएं तो निश्चित रूप से हम नई पीढ़ी में भी बदलाव देखेंगे। आयोजन के दौरान बाल कल्याण समिति प्रदेश प्रमुख रहे राघवेंद्र शर्मा ने एक उदाहरण देकर कहा कि एक चित्रकार ने भूख से तड़पते अंतिम सांसों के दौरान मां से लिपटते बेटे, तभी बेटे की मौत के बाद उस पर झपटते चील के उदाहरण को सुनाकर बताया कि इस फोटोग्राफ्स को उस समय सर्वश्रेष्ठ चुना गया। लेकिन इससे फोटोग्राफर संतुष्ट नजर नहीं आया।क्योंकि जिस समय उसने फोटो क्लिक किया उस समय यदि वह फोटो क्लिक करने की जगह बेटे की जान बचाने की कोशिश करता तो शायद एक नया जीवन उसे मिल पाता।
इस अवसर पर ईसाई धर्म से सर्व धर्म सभा में शामिल हुए फादर जैनवा अलवा ने कहा, मोबाइल सेल्फी की तरह लोग सेल्फिश होते जा रहे हैं, यह गलत है। हम सबको सदकर्म करने के साथ-साथ मानवता के लिए समर्पण भाव से काम करना चाहिए। प्रभु यीशु की वाणी में भी यही कहा गया है।सिख धर्म का प्रतिनिधित्व करने आए विजय खालसा और टीटू बत्रा ने कहा कि गुरु नानक देव की सीख हमें बेहतर बनने का संकल्प सिखाती है। विषम परिस्थितियों में भी हम धर्म की रक्षा के लिए अडिग रहें, यह शिक्षा हमें धर्मगुरुओं से मिलती है। हम सब एक और नेक बने, यही हमारी पहल होनी चाहिए।
जैन धर्म की ओर से बात रखते हुए जैन समाज के प्रवक्ता संजीव बांझल ने बेहद प्रभावी ढंग से अपनी बात रखते हुए कहा कि अहिंसा, सत्य प्रेम और प्राणी मात्र के प्रति करुणा और वात्सल्य का संदेश जैन धर्म के संस्कारों में मिलता है। हम सब मिलकर बेहतर भविष्य, देश का निर्माण करें, इसके लिए जैन समाज हर सार्थक पहल का स्वागत करेगा और उसके लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
मुस्लिम धर्म का प्रतिनिधित्व कर रहे शहर काजी वलीउद्दीन सिद्दीकी और सूफी मोहम्मद शब्बीर ने कहा कि किसी भी मजहब में एक दूसरे के प्रति बैर नहीं लिखा हर मजहब प्यार और स्नेह की बात सिखाता है।
–सिविल जज सहित हर प्रतिभा का किया मंच से सम्मान
इस आयोजन के दौरान शहर की तकरीबन आधा सैकड़ा समाजसेवी संस्थाओं और समाजसेवियों का विशेष रूप से सम्मान किया गया। खास बात यह है कि हाल ही में सिविल जज में चयनित हुई शिवपुरी की 6 प्रतिभाओं को इस में सम्मानित किया गया वहीं खेल शिक्षा स्वास्थ्य समाज सेवा साहित्य सेवा और सामाजिक गतिविधियों को अंजाम देने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों और पदाधिकारियों को मंच से शॉल श्रीफल भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया। स्नेह भोज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।