बकस्वाहा छतरपुर से अभिषेक असाटी
कोरोना महामारी की तीसरी लहर के बीच बसंत पंचमी का पर्व बक्सवाहा तथा आस पास ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए नए उत्साह का सोपान लेकर आया।
माघ मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाये जाने वाले तथा ज्ञान की देवी मां सरस्वती को समर्पित पंचमी पर्व का आयोजन बक्स्वाहा तथा आसपास के 17 से अधिक ग्रामों के 14 विद्यालयों में किया गया, जिसमे लगभग 1800 विद्यार्थियों ने भाग लिया।कोरोना महामारी के कारण बच्चों की विद्यालयीन शिक्षा बाधित रही है जिसके फलस्वरूप बच्चों का समग्र विकास भी बाधित हुआ है।
विद्यालय आने के ख़ुशी छात्रों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती थी। पावन तथा सौम्य माहौल में वीणा वादिनी मां सरस्वती की पूजा अर्चना में छात्रों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में उत्साह के साथ भाग लिया। बसंत पंचमी का कार्यक्रम शासकीय हाई स्कूल गड़ोही, शासकीय माध्यमिक शाला वीरमपुरा, कसेरा, जगारा, मझौरा, निमानी, तेइयामार तथा शासकीय प्राथमिक शाला शाहपुरा, तिलई, हिनौता, भड़ाटोर, में आयोजित हुआ।
छात्रों ने कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करते हुए छोटे स्तर पर ही सही पर अपनी प्रस्तुतियों का प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने छात्रों को इस त्योहार के महत्व, मां सरस्वती के वैभव-ज्ञान के प्रतीक और पीले रंग की प्रासंगिकता से अवगत कराया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को स्वल्पाहार भी वितरित किया गया।
महामारी के दौरान हालाँकि शासन की ओर से मेरा घर-मेरा विद्यालय जैसे नवाचार चलाये गए थे लेकिन बक्सवाहा जैसे अविकसित क्षेत्रों में तकनीक और अभिभावकों की रूचि की कमी की वजह से छात्रों की पढाई में व्यवधान उत्पन्न किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट अनुसार मध्यप्रदेश उन राज्यों में से है जहाँ 70 प्रतिशत से अधिक छात्रों के पास स्मार्टफोन सुविधा उपलब्ध नहीं है।
ऐसे समय में बसंत पंचमी के रंगारंग आयोजन ने बच्चों में विद्यालय के महत्त्व प्रति अधिक रूचि जागृत कर उन्हें फिर से विद्यालयों की और आकर्षित किया है। लंबे समय तक स्कूल से दूर रहने के कारण, इस शुभ अवसर ने छात्रों को फिर से विद्यालयों से जोड़ा है।