उदयपुरा रायसेन । नर्मदा तट के ग्राम अनुघोरा में चल रहे शिव पुराण कथा एवं सत्संग के माध्यम से सदाशिव नित्यानंद गिरी जी महाराज ने बताया कि व्यक्ति का जीवन, शोक ,मोह एवं भय से ग्रस्त है ।व्यक्ति वर्तमान के मोह ,भूतकाल के शोक एवं भविष्य के भय, से ग्रस्त होकर दुखी है, ऐसे दुखों का निराकरण शिव कथा के माध्यम से प्राप्त होता है ।आपने बताया कि व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम 5 बार शिव पुराण कथा ,श्रद्धा के साथ श्रवण करना चाहिए। कथा सत्संग हमें विवेक प्रदान करता है शोक ,मोह एवं भय दूर करता है महा पापी भी शिव कथा से मुक्ति पा सकता है ।स्वामी जी ने शिव पुराण में वर्णित चंचुला एवं बिदुक दंपत्ति की कथा के माध्यम से सत्संग एवं कुसंग के परिणामों को विस्तार पूर्वक व्याख्या प्रस्तुत की ,कथा के पूर्व ग्राम वासियों ने धूमधाम एवं उत्साह पूर्वक ग्रंथ की शोभायात्रा निकाली गई ग्रंथ आरती में पूर्व विधायक साधना स्थापक, मानस विद्यापीठ अध्यक्ष चतुर नारायण रघुवंशी ,जय हिंद सिंह पूर्व शिक्षक, त्रिलोक पाल सिंह ,सुंदर सिंह बनाफर, फूल सिंह धाकड़ ,सहित विभिन्न ग्रामों के श्रद्धालु श्रोताओं ने भाग लिया