अनुराग शर्मा सीहोर
पढे लिखे युवाओं को रोजगार दिलाने चलाये जा रहे सम्यक अभियान यात्रा आज सीहोर पहुची इस कॉन्फ्रेंस में बड़ी संख्या में युवाओ ने भाग लिए। कार्यक्रम का शुभारंभ अथितियों ने माता सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रजालवित कर क़िया। स्थानीय गीता भवन में आयोजित सम्यक अभियान कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भास्कर राव रोकड़े ने कहा कि
“सेवानिवृति आयु 58 साल करने, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन अधिनियम लागू करने, सरकारी व निजी क्षेत्र में आउटसोर्सिंग प्रणाली पर रोक लगाने,निजी क्षेत्र में 8 घंटे की शिफ्ट डयूटी लागू करने, निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को त्वरित न्याय दिलाने प्लेसमेंट डिपार्टमेंट बनाने,जातिगत जनगणना कराके आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू कराने व अर्हता परीक्षा में उच्चतम अंक वालो को एक्सीलेंस केटेगरी में रखने हेतु संगठित होकर संकल्पित अभियान चलाने का ऐलान”किया है।
सीहोर में आयोजित सम्यक अभियान कान्फ्रेन्स में सुप्रसिद्ध विचारक भास्कर राव रोकड़े ने युवाओ के साथ अत्यंत ज्वलंत मुद्दों पर सामूहिक संकल्प लेकर राजनीतिक दलों व नेताओ की नींद हराम कर दी है। सत्ता-पक्ष के नेता तो कुछ भी बोलने की स्थिति में नही है,लेकिन विपक्ष के बड़े नेता भी किसी भी प्रकार की टिप्पणी से बचने का प्रयास कर रहे है। राजनीतिक हल्के में चर्चा इसलिए भी है कि सम्यक अभियान कान्फ्रेन्स के गैर राजनीतिक मंच पर अधिकांश कांग्रेस के ही नेता मौजूद थे। कान्फ्रेन्स में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के सम्मान व स्वाभिमान की बात कर युवाओ के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को भी अभियान से जोड़ने का प्रयास किया गया, तो समानता का मुद्दा उठाकर राज-घरानों से जुड़े नेताओ की चिंता बढ़ा दी गई है। इस अभियान से नवक्रांति के संकेत भी मिल रहे है।
सरकारी अमले का सम्मान व स्वाभिमान-
सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को अनावश्यक अपमानित करने की प्रवृति को गलत निरूपित करते हुए श्री रोकड़े ने युवाओ के साथ संकल्प लिया कि वे सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों को उनके पद व कद के अनुरूप सम्मान देंगे भी और दिलाएंगे भी। क्योकि उनका सम्मान हमारासम्मान,उनका स्वाभिमान हमारा स्वाभिमान
श्री रोकड़े ने उठाये ये मुद्दे,सेवा-निवृति आयु 58 साल-
कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सम्यक अभियान के प्रमुख भास्कर राव रोकड़े ने कहा कि म.प्र.में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों की सेवा-निवृति आयु 58 साल ही थी। राज्य सरकार ने उसे ग्रेच्युटी व पीएफ की राशि रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त देने के लिए धन की कमी को देखते हुए बढ़ाते-बढ़ाते 65 साल सेवा-निवृति आयु कर दी है। सरकारी कर्मचारियी को उन्ही की जमा राशि से प्राप्त आय से वेतन दी जा रही है। इस प्रकार वे फ्री में काम कर रहे है व बेरोजगारी बहुत-अधिक बढ़ गई है। वे 1 जनवरी 2024 को युवा-दिवस मनाएंगे तथा उसी दिन तत्कालीन मुख्यमंत्री को “म.प्र. में सरकारी, निगम,मंडल व बोर्ड के सभी कर्मचारियों के लिए 58 साल सेवा-निवृति आयु लागू करने संबंधी आदेश जारी करना पड़ेगा”। इससे राज्य के कुल 5 लाख 30 हजार कर्मचारी सेवानिवृत हो जाएंगे तथा 1 जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2024 के बीच राज्य के 5 लाख 30 हजार युवाओ को सम्मान-जनक नौकरी मिल जायेगी।
सरकारी व निजी क्षेत्र में एक-समान वेतन-
श्री रोकड़े ने कहा कि देश के नीति निर्धारकों ने सन 1948 में संसद में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम पारित कर श्रमिको को शोषण से बचाने की व्यवस्था दिया।..लेकिन शिक्षक,लिपिक,सुपरवाइजर, टेक्नीशियन, इंजीनियर आदि वर्ग के शिक्षित कर्मचारियों के लिए न्यूनतम मजदूरी अधिनियम लागू नही होता। जिसके कारण प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को अब भी तीन हजार रुपये,लिपिक को 7 हजार रुपये तो इंजीनियर को मात्र 10 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रही है। इससे युवा परेशान होने के साथ-साथ अपमानित भी हो रहे है। निजी क्षेत्र में भी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारियों के बराबर वेतन मिले, इसलिए न्यूनतम वेतन अधिनियम लागू करने की आवश्यकता है। युवा शक्ति के संकल्प की वजह से 1 जनवरी 2024 को ही युवा-दिवस के दिन म.प्र.सरकार को न्यूनतम वेतन अधिनियम लागू करना ही पड़ेगा।
सरकारी व निजी क्षेत्र में आउटसोर्सिंग से नियुक्ति पर लगेगी पाबंदी-
श्री रोकड़े ने कहा कि सरकारी व निजी उपक्रमो में विशेष प्रकार के अंशकालिक कार्यो को अन्य क्षेत्र-विशेष की कार्य-विशेष में निपुण कंपनी से कराने के लिए बीपीओ अर्थात बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग व केपीओ अर्थात नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग की व्यवस्था दी गई थी। कालांतर में उन प्रावधानों का गलत उपयोग शुरू हो गया। बीपीओ व केपीओ के प्रावधानों का गलत उपयोग करते हुए सरकारी व निजी क्षेत्र में मैन-पॉवर आउटसोर्सिंग शुरू कर दी गई। म.प्र.में तो कई विभागों में 70 प्रतिशत पद मजदूरों से भी कम वेतन देते हुए,आरक्षण व्यवस्था को भी लागू नही करते हुए आऊटसोर्सिंग से भरे जा रहे है। निजी क्षेत्र में तो 90 प्रतिशत पद आऊटसोर्सिंग से ही भरे जा रहे है। इस प्रकार शिक्षित युवाओ की दलाली का घिनौना कारोबार सरकारी संरक्षण में शुरू हो गया है। निश्चित-रूप से 1 जनवरी 2024 को सरकारी व निजी क्षेत्र में म.प्र.ने आउटसोर्सिंग से नियुक्तियों पर पूर्णतः पावंदी लगा दी जाएगी। युवाओ के संकल्प को पूरा करने के लिए सरकार बाध्य होगी।
8 घंटे से अधिक की शिफ्ट डयूटी हो ही नही सकती-
श्री रोकड़े ने कहा कि म.प्र.में मई 2020 में सरकार ने कारखानों में शिफ्ट ड्यूटी 8 घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे करने के साथ-साथ उद्योगों को कर्मचारियों को बिना कारण बताये नौकरी से निकालने की आजादी दे दी। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र का अध्ययन करने पर पता चला कि प्रायः सभी उद्योगों ने शिफ्ट ड्यूटी 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया हैं, जिससे 1 शिफ्ट के कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया। उसी प्रकार श्रम कानून में बदलाव का लाभ लेकर अंधाधुंध छंटनी की गई व उनके स्थान पर नाम-मात्र की वेतन पर आउटसोर्सिंग के तहत कर्मचारी रख लिए गये। जिसके कारण हजारों युवा बेरोजगार हो गये। प्रस्तावित युवा-दिवस 1 जनवरी 2024 को सरकार को 8 घंटे की शिफ्ट डयूटी का प्रावधान कर उसे कड़ाई से लागू करने, नौकरी से निकालने की प्रक्रिया को कर्मचारियों के हित के अनुरूप बनाते हुए, कर्मचारियों को त्वरित न्याय दिलाने के लिए शासन का प्लेसमेंट डिपार्टमेंट बनाने का निर्णय लेना ही पड़ेगा।
आबादी के अनुपात में आरक्षण लागू कर एक्सीलेंसी केटेगरी का प्रावधान– श्री रोकड़े ने कहा कि मंडल आयोग ने देश मे कुल 44 प्रतिशत ओबीसी आबादी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश करते हुए लेख किया कि देश मे पहले से ही 22.5 प्रतिशत आरक्षण पूर्व से ही एस.सी.,एस.टी. के लिए लागू है,सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नही दिया जा सकता। राष्ट्रीय-स्तर पर एस.सी.,एस.टी. वर्ग के लिए 22.5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था तो दी गई,लेकिन राज्यों को यह व्यवस्था भी दी गई कि राज्य एस.सी.,एस.टी.वर्ग की आबादी के अनुपात में राज्य में आरक्षण लागू करे। तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.राजीव गांधी का मानना था कि सन 1931 के बाद जातिगत आधार पर जनगणना नही हुई है। जब तक जातिगत आधार पर जनगणना नही हो जाती तथा राज्यवार ओबीसी वर्ग की आबादी के सही-सही आंकड़े सामने नही आ जाते,तब तक मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करना संभव नही है। सन 1989 में राष्रीय मोर्चा की सरकार बनी, तो तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व.वी.पी.सिंह ने श्रेय लेने के लिए जल्दीबाजी में त्रुटिपूर्ण मंडल आयोग की सिफारिश लागू कर दिया। मंडल आयोग की सिफारिश लागू होते ही म.प्र. में ओबीसी वर्ग ठगी का शिकार हो गया। क्योंकि राज्य में लगभग 54 प्रतिशत आबादी ओबीसी वर्ग की ही है। राज्य में 20 प्रतिशत एस. टी. व 16 प्रतिशत एस.सी. वर्ग के लिए आबादी के अनुपात में आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। जिसके कारण 54 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी वर्ग को मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण ही मिला। उसके बाद भी ओबीसी वर्ग के प्रतियोगी सामान्य श्रेणी में आवेदन करते रहे। लेकिन जब न्यायालय ने यह व्यवस्था दे दिया कि आरक्षित वर्ग का आवेदक अनारक्षित वर्ग में आवेदन नही कर सकता,तो ओबीसी वर्ग बर्बादी की स्थिति में पहुँच गया। आखिर ओबीसी वर्ग का 40 प्रतिशत किसी और को कैसे दिया जा सकता है..!
श्री रोकड़े ने कहा कि 1 जनवरी 2024 को म.प्र. में जातिगत जनगणना का निर्णय सरकार को लेना ही पड़ेगा। जिसके तहत आबादी के अनुपात में आरक्षण सुनिश्चित किया जा सके। इसके साथ ही प्रत्येक वर्ग की आबादी का 10 प्रतिशत एक्सीलेंस केटेगरी के लिए रखते हुए अर्हकारी परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने वालों के लिए 10 प्रतिशत का प्रावधान एक्सीलेंस केटेगरी के रूप में आरक्षित रखना होगा। राजशाही समाप्त होने व लोकतांत्रिक व्यवस्था लागू होने के बाद देशी रियासतों की सम्पूर्ण सम्पत्ति भारत सरकार की ही हो गई। यदि उस समय एकीकरण के प्रयास में कुछ गलत निर्णय हो भी गए होंगे तो अब उसमें सुधार किया जा सकता है। में राजघर तरह से र रोकड़े ने कहा कि शासकीय कार्यालयों में आउटसोर्सिंग नोकरियो को खत्म कर पूर्ण क्लिक नोकरियो की व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि रिटायरमेंट की उम्र कम होनी चाहिएं । श्री रोकड़े ने कहा की बड़े घरानों के वंशज वे किसी भी कीमत में शिक्षित युवाओं को आगे बढ़ने देना नही चाहते। बड़े लोग लोकतांत्रिक सरकार में हस्तक्षेप बनाए रखते है तथा वे शिक्षित युवाओं की प्रगति में बाधक बने हुए है। कॉन्फ्रेंस में सम्यक अभियान को संबोधित करते हुए युवा नेता राजीव गुजराती ने कहा की इस अभियान से युवाओं को डाटा बनाकर जोड़ा जा रहा है ।पड़े लिखे बेरोजगार युवाओ को रोजगार मिले यही इस आभियान का उद्देश है। कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सम्यक अभियान के प्रांतीय समन्वयक शैलेंद्र श्रीवास्तव ने अभियान के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कांफ्रेंस को कवि लेखक चिंतक केशव चौहान, युवा नेता आशीष गहलोत, ब्रजेश पटेल, प्रिंस यादव ने संबोधित किया। कांफ्रेंस की शुरुआत सम्यक गीत से हुई । कांफ्रेंस में मुन्नवर खान, देवेंद्र ठाकुर, के के रिछारिया, भगत तोमर, अशरफ खान, तुलसी राठौर, नायब भाई, अनिल सेन, ब्रजेश पाटीदार, अभिषेक त्यागी,गजराज परमार,अनिल परमार कमलेश यादव ,राहुल गोस्वामी,दीपक सिसोदिया,, देवेंद्र ठाकुर, यश यादव,मनीष मेवाडा,हरिओम सिसोदिया, विकाश विश्वकर्मा , तनिश त्यागी, प्रिंस यादव,शुभम त्यागी, प्रमोद वर्मा,शुभम त्यागी, अभिषेक लोधी, शुभम मालवीय,पंकज पूर्वी, गौरव,पिंटू, राज खरे,रोहित प्रजापति, आदि उपस्थित थे।