– सबसे ज्यादा पार्षद जीतने के बाद ही भाजपा के पार्षद दो गुटों में बंट गए हैं
– एक गुट के पार्षदों को गुजरात पर्यटन यात्रा के लिए भेजा गया
शिवपुरी से रंजीत गुप्ता
शिवपुरी नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के लिए 3 अगस्त को चुनाव होगा। नवनिर्वाचित पार्षद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन करेंगे। इस दौरान नगर पालिका अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चयन को लेकर सत्ताधारी दल भाजपा में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। सहमति नहीं बन पाने के कारण भाजपा में रस्साकशी का माहौल है और पार्टी दो गुट में बंट गई है।एक गुट खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया का है जबकि दूसरा नरेंद्र सिंह तोमर व संगठन खेमे का है। खेल मंत्री के खेमे से दीप्ति भानु दुबे का नाम अध्यक्ष पद के लिए बताया जा रहा है, जबकि तोमर व संगठन खेमे से सरोज रामजी व्यास का नाम ऊपर चल रहा है। शिवपुरी नगर पालिका के लिए 39 पार्षदों के चुनाव में से भाजपा के 22 पार्षद निर्वाचित होकर आए हैं। भाजपा के सबसे ज्यादा पार्षद जीते हैं इसके बाद भी भाजपा में नगर पालिका अध्यक्ष के लिए किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। पार्टी में खेमेबाजी के बीच आपसी मनमुटाव बढ़ गया है और दो खेमे में पार्षद बंट गए हैं। खेल मंत्री के खेमे से जुड़े हुए कुछ पार्षदों को गुजरात पर्यटन यात्रा करने के लिए भेज दिया गया है। इस खेमे में लगभग 13 से 14 पार्षद बताए जा रहे हैं जबकि भाजपा के ही दूसरा खेमें में पार्टी के ही 7 से लेकर 10 पार्षद बताए जा रहे हैं। इनके साथ कुछ निर्दलीय पार्षद भी हैं। इसके अलावा इन्हें कांग्रेस के पार्षदों का भी साथ मिल सकता है। ऐसे में यह खेमा अध्यक्ष के लिए पर्याप्त पार्षद संख्या अपने पास बता रहा है। भोपाल में भी इस खेमे ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने इस संख्या गणित को बताया है।
क्रॉस वोटिंग के बीच भाजपा का भाजपा से मुकाबला-
भाजपा के 22 पार्षद जीतने के बाद भी पार्टी में दो गुट हो गए हैं। दोनों ही गुट अध्यक्ष के लिए अपने-अपने नाम आगे बढ़ा रहे हैं। अब मतदान में क्रॉस वोटिंग का डर है क्योंकि इस खेमेबाजी के बीच पार्षद आपस में बंटे हुए हैं। पार्टी में किसी एक नाम पर सहमति नहीं बनने के कारण यह स्थिति निर्मित हुई है। 3 अगस्त को नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है और ऐसा निश्चित माना जा रहा है कि यदि आम सहमति नहीं बन पाई तो दो गुटों में बंटी भाजपा आपस में ही चुनाव लड़ती नजर आएगी।
आपसी लड़ाई में किसको मिलेगा मैंडेट-
भाजपा की इस आपसी लड़ाई को लेकर अब ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस भी गुट को पार्टी का मैंडेट मिलेगा वह गुट हावी रहेगा। इसलिए दोनों ही गुट भोपाल में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को अपना-अपना गणित बता रहे हैं। अब इस गणित के आधार पर पार्टी का वरिष्ठ नेतृत्व क्या निर्णय लेता और किस गुट को पार्टी मैंडेट देता है यह देखने वाली बात होगी।