· बौद्ध विधाओं पर गहन अध्ययन के लिए एम.ओ.यू
· बौद्ध ग्रंथों, पाण्डुलिपियों और माइक्रोफिल्मों की बनेगी लाइब्रेरी
· संस्कृति, कला एवं अवशेषों के संरक्षण पर मिलकर करेंगे कार्य
· बौद्ध विद्या सामग्री का भारतीय भाषाओं व अंग्रेज़ी में अनुवाद करेंगे
साँची/रायसेन। भारत के विभिन्न भागों में प्रचलित बौद्ध विधाओं पर गहन अध्ययन व शोध के उद्देश्य से सांची बौद्ध भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय ने उत्तर प्रदेश सरकार संस्कति विभाग के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, लखनऊ के साथ एम.ओ.यू हस्ताक्षरित किया है।
दोनों ही संस्थान, बौद्ध तीर्थ स्थलों के सांस्कृति महत्व, कला, अवशेषों के संरक्षण के क्षेत्र में मिलकर कार्य करेंगे। जिसके अंतर्गत भारत में उपलब्ध बौद्ध विद्या संबंधित सामग्री का संकलन, इनका भारतीय भाषाओं तथा अंग्रेज़ी में अनुवाद, भारत में विदेशों से प्राप्त बौद्ध विद्या का तुलनात्मक अध्ययन शामिल होगा।
परिसर में सांची विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता, कुलसचिव प्रो. अलकेश चतुर्वेदी व अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सिंह ने एम.ओ.यू पर हस्ताक्षर किए।
इसी कड़ी में दोनों ही संस्थान ने अनुबंध किया कि बौद्ध धर्म से संबंधित ग्रंथों, पाण्डुलिपियों, माइक्रोफिल्मों आदि की लाइब्रेरी भी स्थापित करेंगे तथा बौद्ध तीर्थ स्थलों के विभिन्न केंद्रों पर, भवनों पर, घाटों, सरोवरों, कुण्डों व सांस्कृतिक वास्तुकला के स्मारकों/स्थानों की पुर्नस्थापना, सुधार एवं अनुरक्षण के लिए कार्य करेंगे।
आगामी 5 वर्षों के लिए किए गए इस एम.ओ.यू में यह उल्लेखित किया गया है कि दोनों ही संस्थान बौद्ध अध्ययन संबंधी विषयों पर अध्ययन के लिए छात्र विनिमय कार्यक्रम(Student Exchange Programme), विभाग विनिमय कार्यक्रम(Department Exchange Programme), बौद्ध अध्ययन संबंधी विषयों पर परिचर्चा, परिगोष्ठी व सम्मेलन आयोजित कराएंगे।
इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों ही संस्थान बौद्ध अध्ययन संबंधी विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान भी करेंगे तथा बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिंदु धर्म संबंधित अध्ययन, शोध कार्य में अनुसंधान के माध्यम से शिक्षा में अपनी ताकत को पहचानने और अपनी परस्पर रूचि में सहयोग करेंगे।