-ग्रामीण बोले- हमारी समस्या कोई नहीं सुन रहा, ज़िम्मेदार अधिकारी नही दे रहे ध्यान
-बारिश के मौसम में जान जोखिम में डालकर कीचड़ और संकरी पुलिया से निकलने को है मजबूर गर्मीण
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट
सांची जनपद की गीदगढ़ पंचायत के महुआखेड़ा गांव के ग्रामीणों को बारिश के चार महीने मुसीबत भरे साबित होते हैं, यहां जाने के लिए न तो पक्का रास्ता है न ही बीच में नाले पर पुलिया बनी है। जिसके चलते ग्रामीणों का आवागमन जोखिम भरा साबित हो रहा है।
ग्रामीण कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसर और मंत्री को सड़क निर्माण की मांग को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक इस ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। परिणाम स्वरूप ग्रामीणों को जान हथेली पर रखकर आवागमन कर रहे हैं। ऐसे में यदि कोई हादसा हुआ तो उसका जिम्मेदार कौन होगा यह समझ से परे है। गांव के इस आम रास्ते पर कीचड़ होने के कारण लोग अपने घरों से भी डर-डर के बाहर निकलते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नाला उफान पर होने के कारण बच्चों को स्कूल भी नहीं भेजते हैं। उन्हें डर सताता रहता है कि यदि स्कूल की छुटटी के दौरान नाला हो सके। उफान पर हो जाए तो बच्चे गांव के उस पार ही फंसकर रह जाते हैं।
800 की आबादी वाले इस गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए भी तरस रहे हैं। यहां तक कि बारिश में बीमार होने पर अस्पताल तक नहीं जा पाते हैं। ग्रामीणों ने जल्द से जल्द सड़क निर्माण की मांग की है ताकि आवागमन सुलभ हो सके।