मां ने किया बेटी के घर मे हस्तक्षेप तो घर टूटने की कगार पर पहुंचा,सास ने की दामाद की शिकायत, बेटी बोली मुझे कोई परेशानी नहीं
-टूटने की कगार पर पहुँची 25 साल की शादी तो हुआ राजीनामा
रिपोर्ट-शिवलाल यादव
रायसेन। एक सास ने अपने दामाद के खिलाफ लिखित शिकायत में कहा कि उसका दामाद बेटी के साथ मारपीट करता है और दहेज मांगता है। सुनवाई में पूरा मामला झूठ पाया गया। वही एक अन्य मामले ने 25 साल की शादी टूटने की कगार पर पहुँच गई थी, पत्नी अपने 3 बच्चों के साथ घर छोड़कर भोपाल में रह रही थी। समझाइश के बाद पति पत्नी में राजीनामा हुआ।
परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में आए एक प्रकरण में सास ने अपने दामाद पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह उसकी बेटी के साथ मारपीट करता है, दहेज की मांग करता है, इसी तरह के कई सारे आरोप उसने अपने आवेदन में लगाए थे। बेटी से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि सारे आरोप झूठे है। वह अपने पति के साथ खुश है और काफी अच्छे से रहती है। सुनवाई में सामने आया कि मामला कुछ और ही है। दरअसल बेटी की पहली शादी टूट चुकी थी, और उससे उसे एक बेटी है, अब बेटी अपनी मर्जी से दूसरी शादी कर ली है, जिससे उसे एक बेटा है। लड़की की माँ चाहती है कि पहले वाली बेटी उसे दी जाए, ताकि वह उसकी अच्छी परवरिश कर सके, लेकिन बेटी अपनी बच्ची को अपने पास ही रखना चाहती। इस मामले को सास ने परिवार परामर्श केंद में लाने के लिए दामाद कर खिलाफ झूठी शिकायत कर दी। सास को झूठी शिकायत करने पर समझाइश देकर प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
एक दूसरे मामले में 3 बेटी और एक बेटे के मां अपने पति की प्रताड़ना और चरित्र संदेह के परेशान होकर भोपाल जाकर रहने लगी। दोनों की शादी को 25 साल हो चुके उनकी एक बेटी की शादी भी हो चुकी है। पति को समझाइश दी गई कि आइंदा से वह पत्नी व बच्चों को परेशान न करें, नहीं तो कड़ी करवाई की जाएगी। समझाइश के बाद पति ने अपनी गलतियों के लिए माफी मांगी और सुधरने का वादा किया। इसके पत्नी और बच्चे उसके साथ रहने को राजी हो गए।
एक अन्य मामले में सास बहू में हुए विवाद के बाद पति और पत्नी के परिवारों में हुई हाथापाई के कारण एक घर टूटने की कगार पर पहुँच गया था। विवाद का मामला थाने तक पहुँच गया। दोनों पक्षों को समझाइश देकर घर टूटने से बचाया गया। दोनों को आपसी विवादों को सुलझाते हुए पति-पत्नी को साथ रहने की सलाह दी गई, जिस पर दोनों राजी हो गए।
मंगलवार को बैठक में सुनवाई के लिए 12 प्रकरण रखे गए थे, जिसमे से दो में राजीनामा हुआ। दो प्रकरणों में न्यायालय में जाने की सलाह दी गई। वही तीन प्रकरण नास्तिबद्ध किए गए। अन्य प्रकरणों में पक्षकारों के अनुपस्थित रहने पर अगली तारीख दी गई।
परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।