मामला पुरातत्व संग्रहालय परिसर में रात्रि में अग्निकांड का,आग बुझने के बाद पंहुंची फायरबिग्रेड
सांची रायसेन से देवेन्द तिवारी
पुरातत्व संग्रहालय में शनिवार रात लगभग साढ़े नौ बजे परिसर में खड़े सूखे घास में आग लग गई जिससे आग ने विकराल रूप धारण कर लिया तथा प्राचीन मार्शल हाउस तक पहुंच गई जिससे हड़कंप मच गया सूचना पाते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची तथा फायर ब्रिगेड को बुलाया गया तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया था आनन फानन में संग्रहालय कर्मचारियों ने बाल्टियों से पानी डाल डाल कर काबू पाया परन्तु नगर परिषद की फायर ब्रिगेड मात्र 100 मीटर दूरी पर आधे घंटे बाद पहुंची तब तक आग पर काबू पा लिया गया था यही स्थित मार्शल हाउस बाल बाल बच गया ।आग लगना बिजली केबिल से बताया गया है ।
जानकारी के अनुसार शनिवार रात लगभग साढ़े नौ बजे उस समय नगर में स्थित पुरातत्व संग्रहालय में हड़कंप मच गया जब परिसर में खड़ी सूखी घास में बिजली लाइन के फाल्ट होने से निकलीं चिंगारी से घास ने आग पकड़ ली धीरे धीरे आगे ने विकराल रूप धारण कर लिया जानकारी लगते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच ग ई तथा आनन फानन में संग्रहालय से नगर परिषद की दूरी मात्र डेढ़ से मीटर होगी तब तक आग से ऊंची ऊंची लपटें उठने लगी तथा धुंये के गुब्बारे उड़ने लगे । उल्लेखनीय है कि संग्रहालय एक संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है शाम पांच बजे से ही इस क्षेत्र को प्रतिबंधित कर दिया जाता है इसमें वह कर्मचारी ही रह पाते हैं जिनकी ड्यूटी रहती है धुआं व आग की लपटे उठने पर संग्रहालय की पीछे की ओर पुलिस तो पहुंच ही गई थी अनेक लोग जमा हो गए परन्तु कोई कुछ कर नहीं सका जिससे आग मार्शल हाउस जिसे प्राचीन मानते हुए पुरातत्व विभाग ने लोक निर्माण विभाग से अपने अधीन लेकर मार्शल हाउस के रूप में संरक्षित व सुरक्षित करने अपने अधीन ले लिया था तब आग उसके नजदीक तक जा पहुंची लोगों को भी चिंता होने लगी कि कहीं आग मार्शल हाउस को अपनी चपेट में न लें ले तथा पुलिस सहित लोग फायर ब्रिगेड का इंतजार करते रहे परन्तु मात्र डेढ़ हो मीटर की दूरी पर ही खड़ी फायर काफी देर तक नहीं पहुंची जब कि नगर परिषद द्वारा फायर ब्रिगेड पर चौबीस घंटे चालकों को पदस्थ किया गया है बावजूद इसके फायर ब्रिगेड भी ऐसे वक्त पर लापरवाही उजागर कर दी तथा इस बीच संग्रहालय में ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों ने आग बुझाने का प्रयास करते रहे हालांकि इस आग पर काबू पा लिया ।तब आधे घंटे बाद पंहुंची फायरबिग्रेड मात्र डेढ़ सो मीटर की दूरी तय करते हुए लकीर पर लाठी ठोकने पहुंच ग ई तब कहीं न कहीं नगर परिषद प्रशासन की लापरवाही की पोल तो खुल ही गई तब आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि नाक के सामने फायर पहुंचाने में इतना समय लगता है तब दूर दराज अग्निकांड पर पहुंचने में फायर तभी पहुंच पाती होगी जब सबकुछ स्वाहा हो चुका होता होगा । वहीं दूसरी ओर पुरातत्व संग्रहालय प्रशासन की भी सुरक्षा की लापरवाही की कल ई खुल गई कि जब यह क्षेत्र संवेदनशील क्षेत्र की श्रेणी में आता है तथा यहां प्राचीन अनमोल धरोहर संरक्षित व सुरक्षित रखी गई है तब सवाल खड़ा होता है कि सूखी घास खड़ी क्यों रहने दी गई पूर्व में अधिकारी परिसर की घास काटने पशु मालिकों को अनुमति देते थे कि कोई परिसर में अनहोनी न हो सके तथा इस घास से पशु पालन हो जाता था तब संग्रहालय प्रशासन पर भी सवालिया निशान खड़े हो गए हैं जहां तक विद्युत मंडल का सवाल है तो वर्षों पूर्व नगर में तार हटाकर डाली गई घटिया केवल जो दिनभर में अनेक बार जलती बुझती दिखाई दे जाती है अनेक बार लाखों करोड़ों की केवल के नाम पर घटिया केवल डलवा कर इतिश्री करने वाले मंडल अधिकारी सुध लेने की जहमत ही नहीं उठा पा रहे हैं अथवा किसी बडी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं जो संदेहास्पद बने हुए हैं । कहने को तो यह नगर एक विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल के रूप में दुनिया भर के नक्शे पर अंकित है परन्तु इस नगर में जिम्मेदारी उठाने वाले अपनी ऊंची पहुंच परख के चलते शासन को लाखों करोड़ों का चूना लगाने में पीछे नहीं दिखाई दे रहे हालांकि सुरक्षा व संरक्षण के नाम पर पुरातत्व विभाग लाखों करोड़ों खर्च कर रहे हैं परन्तु आखिर यह सब राशि कहा जा रही है किसी को नहीं पता यही हाल स्तूप परिसर में घास पूरी तरह सूख चुकी है जिसे परिसर को हराभरा बनाने में विभाग लाखों करोड़ों खर्च कर चुका है परन्तु पूरा क्षेत्र उजड़ने की कगार पर ला खड़ा किया है जिससे देश विदेश में छवि दागदार होने से इंकार नहीं किया जा सकता है।