-हजारों की तादात में हुए गहरे गड्ढे, एमपीआरडीसी नहीं दे रही ध्यान
-गड्ढों के कारण रोज हो रही हैं दुर्घटनाएं
मुकेश साहू दीवानगंज रायसेन
भोपाल विदिशा हाईवे पर इन दिनों सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं भोपाल से लेकर सलामतपुर चौराहे तक लगभग 45 किलोमीटर हाईवे की सड़क पर जगह बड़े-बड़े गड्ढे हैं यहां गड्ढे छोटे नहीं है बल्कि काफी गहरे चौड़े भी है जिसमें बस हो या ट्रक के पाइए धस जाते हैं जबकि विदिशा से सागर तक पहुंचने के लिए इसी मार्क का वाहन चालक ज्यादा उपयोग किया करते है। मगर गड्ढों ने आमजन की रहा मुश्किल कर दी है इन गड्ढों को भरने के लिए एमपीआरडीसी विभाग के अधिकारियों ने अब तक कोई पहल नहीं की है। जबकि हर दिन इस मार्ग से आला अधिकारियों सहित कई ग्रामीणों का रोज आना जाना लगा रहता है।
जबकि हाईवे पर पर टोल टैक्स स्थापित है जो कमर्शियल वाहनों से रोज लाखों रुपए टैक्स वसूल करता है इसके बाद भी सड़क की देखभाल नहीं हो रही है सड़क की दिनोदिन हालत खराब होने लगी है इन गड्ढों में मोटरसाइकिल का पहिया पहुंच जाए तो वाहन चालक अनियंत्रित होकर गिरकर घायल हो जाता है कभी-कभी तो मोटरसाइकिल वाले व्यक्ति की दुर्घटना में मौत हो जाए करती है। ऐसे में कई बार दुर्घटना बड़ा रूप भी ले लेती है। भोपाल भानपुर से लेकर सलामतपुर चौराहे तक सड़क की हालत बद से बत्तर है। जबकि सलामतपुर से लेकर विदिशा तक नया हाईवे बन गया है लेकिन सलामतपुर से भोपाल तक हाईवे में इतने गड्ढे हो गए हैं कि फोर व्हीलर गाड़ी चलने में भी दिक्कत आ रही है। इन गड्ढों के कारण रोज हाईवे पर दुर्घटनाएं हो रही है। हाईवे पर बड़े-बड़े गड्ढों के कारण दुर्घटना की आशंका और ज्यादा बढ़ जाती है।
भोपाल से विदिशा तक का मार्ग रात और दिन चलता है। रोज 9 से 10 हजार वाहन इस रोड से होकर गुजरते हैं। भोपाल विदिशा हाईवे पर दिनोदिन ट्राफिक बढ़ता ही जा रहा है इस मार्ग पर दो पहिया वाहन चलाना मुश्किल हो गया है एमपीआरडीसी के कर्मचारियों ने बारिश के बाद गड्ढे भरे थे मगर कई गड्ढों को छोड़ दिए थे जिन्होंने अब बड़ा रूप ले लिया है।
इस समय यूपी के प्रयागराज में कुंभ मेला लगा हुआ है जिसमें रोज हजारों की तादात में वाहन निकल रहे हैं। इस समय रोज भोपाल विदिशा हाईवे से 12 हजार वाहन निकल रहे हैं। सभी वाहन चालकों को रोड खराब होने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 1 साल की बात करें तो इस रोड पर 130 दुर्घटनाएं हो चुकी है। दुर्घटनाओं के कारण 32 राहगीरों की मौत हो चुकी हैं तो वही डेढ़ सौ से ज्यादा घायल भी हए हैं। इतनी तादात में दुर्घटना होने के बाद भी एमपीआरडीसी द्वारा रोड को सही करने की कोशिश नहीं की गई इसका खामियाजा आम नगरिकों को भगत ना पड़ रहा है।हालांकि 2 महीने पहले मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन द्वारा रोड को नए स्तर पर बनाने का प्रस्ताव रखा जा चुका है