-ग्राम खामखेड़ा (जमाल्दी) में पूर्णाहूति के साथ महोत्सव का समापन
विदिशा से अदनान खान की रिपोर्ट।
ग्राम खामखेड़ा (जमाल्दी) में चल रही सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का शनिवार को पूर्णाहूति के साथ समापन हुआ। कथा के आखिरी दिन आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथास्थल खामखेड़ा पहुंचे, अंतिम दिन श्रोताओं को संबोधित करते हुए कथावाचक गौवत्स पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया (बटुकजी) ने कहा कि जिसका मन हमेशा परमात्मा से जुड़ा हुआ है, उसके मन में परमात्मा बसे रहते हैं, महाराजश्री बटुकजी ने गुरू की महिमा बताते हुए कहा कि जीवन में अगर सच्चा गुरू मिल गया तो जीवन को संवरने में देर नहीं लगती और जीवन धन्य हो जाता है। उन्होंने कहा कि सभी के जीवन में परेशानियां आती हैं। यहां तक कि भगवान के जीवन में भी कष्ट आया, और हम हैं कि जरा से कष्ट में भगवान को कोसने लगते हैं यह अच्छी बात नहीं।श्रीकृष्ण-सुदामा मिलन की कथा पर प्रकाश डालते हुए महाराजश्री बटुकजी ने कहा कि जब सुदामा के घर की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो गई तो उनकी पत्नी सुशीला ने उनके बचपन के मित्र श्रीकृष्ण के पास जाने का आग्रह किया करती थीं, जिसे सुदामाजी टाल देते थे लेकिन पत्नी के बार-बार हट करने पर आखिरकार सुदामाजी अपने मित्र श्रीकृष्ण से मिलने के लिए द्वारिका के लिए निकल पड़े।
जैसे ही वह द्वारिका पहुंचे तो द्वारपालों ने सुदामा को रोक लिया और उनका परिचय पूछा और द्वारिकाधीश का मित्र बताने पर उनकी हंसी भी उड़ाई लेकिन भगवान को जब अपने बाल सखा की खबर लगी तो वह नंगे पैर ही महल से दौड़े चले आए और सुदामा से लिपटकर रोने लगे। सुदामाजी को महल में ले जाकर उनका अतिथि सतकार किया । महाराजश्री ने कहा कि भगवान अपने भक्त की पीड़ा को बिना कहे समझ लेते हैं सुदामाजी भी श्रीकृष्ण से कुछ नहीं मांग सके लेकिन भगवान ने बिन मांगे ही दोनों हाथों से सबकुछ लूटा दिया। कथा सुनने के लिए विदिशा विधायक शशांक भार्गव समेत कई कांग्रेस नेता भी पहुंचे। मुख्य यजमान प्रकाश शर्मा और समस्त ग्रामीणों द्वारा भागवत कथा की पूर्णाहूति सम्पन्न कराई गई। पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया ने कथा मे पधारे समस्त विप्रजन, श्रद्धालु, संगीत कलाकारों का आभार जताया। बटुकजी महाराज की आगामी कार्यक्रम रायसेन जिले के बरेली में श्रीराम कथा महोत्सव 22 मई से 26 मई तक सम्पन्न होगा।