– प्रशासन नही दे रहा ध्यान
सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
गिरते जलस्तर को देखते हुए रायसेन कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे की और से जिले में नए बोरिंग खनन पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बाबजूद रायसेन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में धड़ल्ले से नए बोर कराए जा रहे हैं। जिनको रोकने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है।
प्रशासन ने बोर उत्खनन पर रोक लगाई है। इसके बाद भी रात के अंधेरे में बोर कराया जा रहा है। वहीं रोक लगाने के बाद मशीन संचालक ने बोरिंग के रेट बढ़ा दिए हैं। अब लोगों को अवैध तरीके से बोरिंग कराने के लिए ज्यादा पैसे देने पड़ रहे हैं। वहीं जिम्मेदार बेपरवाह हैं।पिछले माह जिला प्रशासन द्वारा बोर उत्खनन प्रतिबंधित कर दिया गया था। फिर भी इसका पूरी तरह पालन नहीं हो पा रहा है।जिला प्रशासन ने पिछले माह तत्काल प्रभाव से मप्र पेयजल अधिनियम 1986 की धारा के तहत जल प्रदाय सुरक्षित रखकर अबाध रखने के उद्देश्य से जिले की समस्त तहसीलों को अगली बरसात आने तक या अन्य आदेश तक जल अभावग्रस्त घोषित किया था। यह आदेश लागू होने से कोई भी व्यक्तिप्रशासन की अनुमति के बगैर पेयजल स्त्रोत का उपयोग सिंचाई साधन अथवा व्यवसायिक उद्देश्य से नहीं कर सकता। इसके साथ ही जल स्त्रोत हैंडपंप या ट्यूवेल से 200 मीटर की परिधि में अन्य हैंडपंप या ट्यूबवेल का उत्खनन नहीं कर सकेगा। साथ ही किसी भी निस्तारी तालाब के पानी का उपयोग सिंचाई अथवा व्यवसायिक कार्य के लिए नहीं किया जा सकेगा। यह आदेश शासकीय विभागों द्वारा खनित किए जाने वाले नलकूपों के खनन पर लागू नहीं है। विशेष परिस्थिति में एसडीएम की लिखित अनुमति से नलकूप खनन किया जा सकता है।