सिलवानी ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक करोड़ का घोटाला, लेखापाल ने 15 रिश्तेदारों और स्वयं के कुल 22 खातों में डाले रुपए
–पुलिस थाने में जिला शिक्षा अधिकारी डी डी रजक ने FIR दर्ज कराने सभी दस्तावेजो के साथ आवेदन दिया
– लेखपाल चंदन अहिरवार ,कंप्यूटर आपरेटर निलंबित
तत्कालीन आहरण और वितरण अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाही के लिए उच्चाधिकारियो को पत्र भेजा
रायसेन। जिले के सिलवानी ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एक करोड़ से अधिक का घोटाला का मामला उजागर हुआ है। विभाग के ही कर्मचारियों ने शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के वेतन व मानदेय की 1 करोड़ की राशि खाते बदलकर अपने 15 रिश्तेदारों और स्वयं सहित 22 खातों में डालकर हेरफेर की है।
इस मामले में सिलवानी पुलिस थाने में जिला शिक्षा अधिकारी डी डी रजक ने FIR दर्ज कराने सभी दस्तावेजो के साथ आवेदन दिया हे। वहीइस् पूरे गेम का मास्टर माइंड लेखपाल चंदन अहिरवार ,कंप्यूटर आपरेटर को निलंबित कर दिया गया हे। साथ ही तत्कालीन आहरण और वितरण अधिकारी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाही के लिए उच्चाधिकारियो को पत्र भेजा गया हे।
कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद मामले में हुई बड़ी कार्रवाही
मामला सामने आने के बाद कलेक्टर अरविंद दुबे ने जिला कोषालय अधिकारी के माध्यम से जांच भी कराई है, जिसमें 15 लोगों के 22 खातों में यह राशि डालने की बात सामने आई है। करोड़ों रुपए का घोटाला उजागर होने के बाद कलेक्टर ने दोषी कर्मचारियों लेखपाल चंदन अहिरवार कंप्यूटर आपरेटर ,तत्कालीन आहरण और वितरण अधिकारी के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा उक्त राशि की वसूली करवाने के लिए कर्मचारियों पर दबाव भी बनाया जा रहा है।
26 लाख रुपए की राशि कर्मचारियों ने वापस खातों में जमा करवा दी है, लेकिन शेष राशि की वसूली के लिए अब सिलवानी थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए आवेदन भी दिया गया है। इसके बाद सिलवानी पुलिस ने मामले की जांच शुरु कर दी है। एक साल पहले सीएमएचओ कार्यालय में भी ऐसा ही तीन करोड़ का घोटाला हो चुका है।
नए ट्रेजरी कोड जनरेट होने के बाद पुराना मामला पकड़ में आया
सिलवानी के ब्लाक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में यह गड़बड़ी वर्ष 2018 से 2022 के बीच हुई है। दो साल पहले तक सेलरी का भुगतान वेंडर के जरिए होता था। तब ऑफलाइन ट्रांजैक्शन भी हो जाता था। इसी का फायदा उठाकर शिक्षा विभाग के कर्मचारियों ने शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के नाम के आगे दूसरा बैंक खाता
नंबर डालकर उनके वेतन और मानदेय की राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर करवा दी। अब विभाग के पदस्थ सभी शिक्षकों, कर्मचारियों और अतिथि शिक्षकों के ट्रेजरी कोड जनरेट किए गए हैं और जिला कोषालय से सीधे तौर पर यह राशि संबंधित कर्मचारी के खाते में जा रही है। नए ट्रेजरी कोड जनरेट होने के बाद पुराना मामला पकड़ में आ गया।