सलामतपुर रायसेन से अदनान खान की रिपोर्ट।
गुरुवार को नगर में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा,संत रविदास समिति साँची के तत्वाधान में संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी की 131 वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ बस स्टैंड परिसर साँची में स्थित बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यर्पण कर एवं मोमबत्ती प्रवज्वलित कर मनाई गई।
इस अवसर पर मुकेश बौद्ध के द्वारा बताया गया कि बाबा साहब की जयंती विश्व की सबसे बड़ी जयंती है। जिसको लगभग 152 देश एक साथ एक दिन मनाते है।बाबा साहब के द्वारा बहुत संघर्ष किया गया चाहे वह दलितों को पानी पीने का आंदोलन हो, कालाराम मंदिर प्रवेश का आंदोलन हो, बाबा साहब ने अपने जीवन के अंतिम समय में सबसे बड़ा धम्म ग्रंथ इस सम्पूर्ण मानव समाज को दिया है। जिसका नाम ‘बुद्ध और उनका धम्म’ प्रत्येक व्यक्ति को इसको पढ़ना चाहिए और जीवन में अमल करना चाहिए । बाबा साहब अपने समाज को एक उत्कृष्ट और आदर्श समाज के रूप में देखना चाहते थे। परंतु यह उनके जीते जी संभव नही हो सका। उनका रुका हुआ कारवा को कांशीराम जी ने आगे बढ़ाया। ओर आज पूरे देश में जो सम्मान बाबा साहब को मिलना चाहिए वह दिलाया। समाज को जागरूक किया। उनको नेतृत्व करता बनाया हम हमेशा ऋणी रहेंगे बाबा साहब के जिन्होंने विश्व का सबसे अच्छा और सबसे बड़ा लिखित संविधान हमको दिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लीलाकिशन अहिरवार ने बताया कि बाबा साहब चाहते थे कि देश मे हमेशा समता, स्वतंत्रता, न्याय और भाईचारा कायम रहे। लोग एक दूसरे के सुख दुःख में साथ देते रहे। इस अवसर पर गोपाल अहिरवार ने कहा कि बाबा साहब डॉ अम्बेडकर जी ने वंचित समाज को हक़ अधिकार दिलाने की लिए बहुत संघर्ष किया।इस अवसर पर पप्पू रेवाराम अहिरवार द्वारा बताया गया कि बाबा साहब ने सबसे अधिक शिक्षा पर जोर दिया और कहा था कि कितनी भी मुसीबतों का सामना करना पड़े कर लेना लेकिन अपने बच्चो को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना उनको खूब पढ़ाना। उन्होंने कहा था कि शिक्षा वो शेरनी का दूध है जिसे जो भी पिएगा वो दहाड़ेंगे।अन्त में सभी का आभार व्यक्त किया गया।
कार्यक्रम में पप्पू रेवाराम अहिरवार अध्यक्ष संत रविदास समिति साँची, मुकेश बौद्ध आईटीसेल प्रभारी राष्ट्रीय बौद्ध महासभा, शर्मा जी सीएमओ, रघुनंदन शर्मा, लीलाकिशन अहिरवार, रामगोविंद पारासर, हिम्मत सिंह गंगवार, हरिराम अहिरवार, हीरालाल अहिरवार, गणपत अहिरवार, रमेश अहिरवार, नंदराम अहिरवार, मोनू अहिरवार, डालचंद अहिरवार, दौलतराम अहिरवार,भगवान सिंह अहिरवार, सोनू अहिरवार,दीपक पलया, मनीष पलया,घनश्याम ठेकेदार, हरिसिंह अहिरवार, घनश्याम अहिरवार, सुदीप अहिरवार, दीपक अहिरवार, सुनील चौधरी, शिवकांत अहिरवार,वीरेंद्र अहिरवार, गोलू अहिरवार, संतोष अहिरवार, कंचन अहिरवार,अमित अहिरवार, राजू अहिरवार,जितेंद्र अहिरवार, विशाल अहिरवार, अभिषेक अहिरवार,सुभम, अशोक ,अरुण सहित कई बाबा साहब के अनुयायी उपस्थित थे।