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जिस अंदाज में हमले कराता था अतीक अहमद वैसे ही खुद भी मिट्टी में मिला

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प्रयागराज के माफिया से नेता बने अतीक अहमद की शनिवार देर हत्या कर दी गई। अतीक के साथ में उसके भाई अशरफ को भी तीन हमलावरों ने पुलिस की मौजूदगी में गोली मार दी है। माफिया अतीक अहमद और अशरफ की प्रयागराज और अन्य जिलों में काफी दहशत थी, लेकिन अतीक अहमद जिस अंदाज में अपने विरोधियों पर हमले कराता था, उसी अंदाज में खुद का भी अंत हुआ। अतीक और उसके भाई को भी शूटरों ने बेखौफ अंदाज में मार गिराया। करीब 20 साल पहले अतीक अहमद ने खुद पर हमले की एक साजिश रची थी, ताकि वह अपने विरोधियों और कुछ पुलिस अधिकारियों को फंसा सके, अब अतीक अहमद वैसे ही एक हमले में खुद भी मिट्टी में मिल गया और साथ ही उसके भाई अशरफ का भी खात्मा हो गया।

राजू पाल हत्याकांड की रची साजिश

अतीक अहमद ने अपने भाई अशरफ के दबाव में आकर ही तत्कालीन विधायक राजू पाल की हत्या की साजिश रची थी और बाद में राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को अपहरण किया और हाल ही में दिनदहाड़े हत्या भी कर दी। राजू पाल हत्याकांड के काफी पहले से ही अतीक अहमद जुर्म की दुनिया में प्रवेश कर चुका था।

अगस्त 2003 में अतीक ने खुद पर कराया था हमला

अतीक अहमद को 7 अगस्त 2003 को पुलिस सुरक्षा के बीच कचहरी में पेशी पर लाया गया था, तभी कोर्ट परिसर में ही उस पर अचानक किसी ने बम फेंक दिया था। धुएं वाले बम के हमले में अतीक अहमद सिर्फ जमीन से गिरता है और उसके चेहरे पर हल्की खरोंच आती है। अतीक को उठाकर अस्पताल ले जाया गया। कथित हमले के बाद अतीक ने तत्कालीन एसपी सिटी लालजी शुक्ला पर हमला करने का आरोप लगाया था। लालजी शुक्ला तब अतीक अहमद के खिलाफ पुलिस अभियान चला रहे थे। अतीक पर हमले के बाद उसके समर्थकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया और शहर में अफरा तफरी मच गई थी।

आरोपी ने कबूला गुनाह, अतीक ने खुद कराया था हमला

अतीक अहमद पर बम हमला करने के बाद भागते हुए एक आरोपी अखलाक को पुलिस ने धर दबोचा था। बाद में पुलिस की कड़ी पूछताछ में उसने कबूल कर लिया था कि बम फेंकने का यह ड्रामा अतीक अहमद ने ही करवाया था। अतीक ने ही अखलाक से कहा था कि वह बम से हमला करेगा तो एसपी सिटी लालजी शुक्ला को फंसा देगा। बाद में इस मामले में भी अतीक के शिकंजे में आ गया था और अतीक के पिता व भाई को भी आरोपी बनाया गया था। अब करीब 21 साल बाद अतीक अहमद वैसे ही हमले में भाई समेत मारा गया है। अंतर सिर्फ यह है कि बम से फर्जी हमला कराया गया था और और अब असली गोलियां अतीक पर बरसाई गई।

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