दिया आंगनबाड़ी कर्मियों को समर्थन
हडताली आंगनवाडी कर्मियों से तत्काल बातचीत कर मांगों का निराकरण करे सरकार
तारकेश्वर शर्मा
छिंदवाड़ा। पूर्व मुख्यमंत्री माननीय कमलनाथजी एवं सांसद नकुलनाथजी के निर्देश पर आंगनबाडी कर्मियों की हड़ताल के तीसवें दिन पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित सक्सैना ने धरना स्थल पर पहुंचकर हड़ताल पर बैठी आंगनबाड़ी कर्मियों को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को तत्काल बातचीत कर जायज मांगों का निराकरण करना चाहिए। कामगार कर्मचारी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वासुदेव शर्मा भी साथ रहे। आंगनबाड़ी यूनियन की अध्यक्ष सविता ठाकुर ने संगठन का मांगपत्र अमित सक्सेनाजी को सौंपते हुए आग्रह किया कि हमारी मांगें उच्च स्तर तक पहुंचाकर मदद करें
हडताल पर बैठी आंगनबाड़ी कर्मियों को संबोधित करते हुए अमित सक्सेना ने कहा कि बुलंद आवाज नारी शक्ति आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका संगठन के आव्हान पर प्रदेश भर में 17 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रही हड़ताल के प्रति सरकार का रवैया शत्रुतापूर्ण है, वह दमनात्मक कार्रवाईयों के जरिए हड़ताल को कुचलना चाहती है लेकिन आंगनबाडी कर्मियों की अटूट एकता, बुलंद हौंसले सरकार और अधिकारियों के सभी मंसूबों को बेनकाव करते हुए जीत हासिल करेंगी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं संविधान में मिले बोलने, अपनी बात कहने के अधिकारों का उपयोग करते हुए लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों के लिए शांतिपूर्ण आंदोलन कर रही हैं, इसलिए इनकी हड़ताल का सभी को समर्थन करना चाहिए और सरकार को संवेदनशीलता का परिचय देते हुए इन्हें भोपाल में आंदोलन करने की अनुमति देकर वहीं इनसे बातचीत कर इनकी मांगों का समाधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ी महंगाई में अल्पवेतन में काम कर रही आप लोगों की मुश्किलों को मैं समझता हूं, आजकल 5-10 हजार के मामूली वेतन में कुछ नहीं होता, सह तो भुखमरी वाला वेतन है, जिसे देते हुए शिवराज सरकार को शर्म आनी चाहिए।
अमित सक्सेना ने कहा कि 30 दिन से हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी कर्मियों से बातचीत न करना सरकार की हठधर्मिता को दिखाता है, उन्होंने आंगनबाडी कर्मियों के नेताओं को भरोसा दिलाया कि माननीय कमलनाथजी से आपके बारे में बातचीत कर राजधानी में आंदोलन के लिए अनुमति दिलाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात करने वालों के लिए राजधानी में प्रतिबंधित लगा रखा है जो ठीक बात नहीं है, लोग सरकार तक अपनी बात पहुंचाना चाहते हैं, लेकिन मप्र की सरकार ऐसा नहीं करने दे रही है, दिस कारण ही आज कल लंबी लंबी हड़तालें करने को मजबूर हुए हैं, उन्होंने 2023 के विधानसभा चुुनाव में इसका बदला लेने का आव्हान भी आंगनबाड़ी कर्मियों से किया।