आज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिएआज चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन है। आज के दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा- अर्चना की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। इस कारण मां को ब्रह्मचारिणी एवं तपस्चारिणी कहा गया। मां ब्रह्मचारिणी श्वेत वस्त्र धारण किए हुए हैं। उनके दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बाएं हाथ में कमंडल सुशोभित है। मां ब्रह्मचारिणी सभी विधाओं का ज्ञाता हैं। मां सदैव आनंदमयी हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां ब्रह्मचारिणी को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प प्रिय हैं। द्वितीय नवरात्रि पर मां को गुड़हल, कमल, श्वेत और सुगंधित पुष्प अर्पित करें।
मां भगवती को नवरात्र के दूसरे दिन चीनी का भोग लगाना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से दीर्घायु का आशीष मिलता है। मां ब्रह्मचारिणी को दूध और दूध से बने व्यंजन जरूर अर्पित करें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करने के बाद मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।
अब मां दुर्गा को अर्घ्य दें।मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।