रायसेन। विश्व गीता प्रतिष्ठान जिला रायसेन द्वारा प्रत्येक रविवार की भांति घर-घर गीता का ज्ञान देने एवं गीता प्रचार प्रसार करने का संकल्प लिया है
इस रविवार को सभी स्वाध्याय मंडल के सदस्यों ने स्वाध्याय पत्रक अनुसार किया स्वाध्याय पाठ में श्री हरि कृष्ण ने अर्जुन को बताया कि जो भक्त प्रकृति में उत्पन्न सभी जीव जंतुओं को, मनुष्यो को, पेड़ पक्षियों को , सम भाव से देखता है, किसी से द्वेष भाव नहीं रखता है, जो भक्त जीवन मरण में, लाभ जनी सुख दुख में समान रहता है, जो अपने कर्मो का फल मुझे अर्पण करता है वह भक्त प्रभु की अत्यंत प्रिय है।
जिला संयोजक पंडित दामोदर तिवारी ने गीता ज्ञान का महत्व बताते हुए कहा कि जो भक्त ईश्वर जी वाणी को धर्म भावना से प्रचार करेगा बह भक्त प्रभु को ही प्राप्त होता है और श्री हरि की शरण में बैकुंठ में स्थान प्राप्त पाता है।
बाद सभी स्वाध्याय भक्तों द्वारा श्रीमद्भागवत गीता का पाठ विधि विधान से किया गया जिसमें पत्रक अनुसार सर्वप्रथम गीता ज्ञान प्रसार गीत घर-घर गीता का प्रचार हो सदाचार और सद्विचार हो की भावना से प्रारंभ कर पंडित श्री मनीष बबेले जी द्वारा गीता प्रचार गीत, दीप प्रज्वलन बाद गणेश, गौरी बंदना की गई सरस्वती वंदना मैं पंडित श्री राकेश दुबे जी द्वारा सभी को सरस्वती वंदना एवं गुरू वंदना कराई।
गुरु का महत्व बताते हुए कहा संत की संगत मात्र से ही ज्ञान के साथ घर परिवार में शुभ मंगल कार्य आरंभ हो जाते हैं एवं भक्तों हर विधि से वृक्ष की भांति फल फूलने लगता है।
अमृत वचन श्री मनीष बबेले जी द्वारा कहा जिसमे उन्होंने बताया कि श्री कृष्ण चंद्र जी कहते हैं जब-जब धर्म की हानि होगी एवं ब्राह्मण साधु-संतों पर अत्याचार होंगे धर्म का विनाश होगा तब वह स्वयं अवतार लेंगे दुष्टों का नाश करेंगे एवं धर्म की पुनः स्थापना करेंगे इसलिए अधर्म को छोड़कर धर्म के मार्ग को अपनाएं गीता ज्ञान लें अपने बच्चों में परिवार में संस्कृति संस्कार का उदय करें।
प्रति रविवार की भांति श्रीमद्भागवत गीता जी के 12 अध्याय के श्लोकों का संस्कृत हिंदी टीका वाचन सभी स्वाध्याय भक्तों ने क्रमशः एक एक श्लोक पढ़कर उनके अर्थ पर चिंतन मनन किया।
बाद सभी स्वाध्याय भक्तों ने गीता जी की आरती, पुष्पांजली की तथा प्रसाद वितरण हुआ
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